लेखक के बारे में दो शब्द-
- तिवारी वंशजों की निकासी कमई करहला तहसील छाता जनपद मथुरा की है पूर्वज इस ग्राम में निवास करते थे सबसे पहले पितरों के श्रद्धेय चरणों में वंश/लेखक का प्रणाम/पूजा स्वीकार करें। पूर्वजों के आशीर्वाद से लेखक ने अपने तिवारी वंशजों के पूर्वजों के बारे में एक विस्तृत पुस्तक लिखने का विचार किया। यह जिज्ञासा लेखक के मन में सदैव बनी रही। कि अपने पूर्वजों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करके एक पुस्तक लिखी जानी चाहिए, लेखक के मन में यह निर्णय लिया गया कि वह अपने पूर्वजों के बारे में एक पुस्तक लिखेंगे, आज मुझे इस पुस्तक को लिखने और इस पुस्तक को पूरा करने में बहुत खुशी हो रही है।
- इस पुस्तक को पूर्ण करने में समस्त तिवारी परिवार का सहयोग प्राप्त हुआ है तथा लेखक की परम पूज्य माता श्रीमती विमला तिवारी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है, जिन्होंने मुझमें इस पुस्तक को पूर्ण करने का दृढ़ विश्वास जगाया। पूज्य माताजी के चरणों में बहुत नमन है, आशा है कि यह पुस्तक तिवारी वंश के वंशजों को उनके कुल की जानकारी प्राप्त करने में मार्गदर्शन करेगी। दहलन सोरों जिले के अंदर कासगंज उत्तर प्रदेश दूरभाष नंबर 9536427590, 7409665845 है
दिनांक- (प्रशांत तिवारी फिरोजाबादी)
लेखक/शोधकर्ता ग्राम एवं पोस्ट हीरंगाँव
जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश
क्रमांक जन्म तिथि मृत्यु की तिथि
पंडित जवाहरलाल तिवारी
- इसुरी तिवारी, 1800
- तेजसिंह तिवारी, 1800
- हरदेव तिवारी, 1800
- रुद्र तिवारी 1800
- पंडित तेज सिंह तिवारी 1800 1800
- खुशालीराम तिवारी, 1800 अज्ञात
- उमरावसिंह तिवारी, 1800 अज्ञात
- रामलाल तिवारी, 1800 अज्ञात
- देवीराम तिवारी 1800 अज्ञात
- श्रीराम तिवारी, 1894 अज्ञात
- बद्रीप्रसाद तिवारी, 30 जनवरी 1904 25 अगस्त 1982
- उमाशंकर तिवारी 25 दिसंबर 1910 11 फरवरी 1992
- श्यामलाल तिवारी अज्ञात 1959
- गोपीनाथ तिवारी अज्ञात अज्ञात
- कंचनलाल तिवारी 23 जनवरी 1905 अज्ञात
- रघुवीर तिवारी अज्ञात
- पंडित लक्ष्मण स्वरूप तिवारी 5 जनवरी 1928 8 जून 2014
- पहली पीढ़ी
पंडित जवाहरलाल तिवारी
- द्वितीय पीढ़ी
- इसुरी तिवारी,
- तेजसिंह तिवारी,
- हरदेव तिवारी,
- रुद्र तिवारी
- तीसरी पीढ़ी
- खुशालीराम तिवारी,
- उमरावसिंह तिवारी,
- रामलाल तिवारी,
- देवीराम तिवारी
- चौथी पीढ़ी
- श्रीराम तिवारी
- बद्रीप्रसाद तिवारी,
- उमाशंकर तिवारी
- श्यामलाल तिवारी
- गोपीनाथ तिवारी
- कंचनलाल तिवारी
- रघुवीर तिवारी
- पंचम पीढ़ी
- पंडित लक्ष्मण स्वरूप तिवारी
- परमेश्वर दयाल तिवारी
- रामलक्ष्मण तिवारी
- पंडित हरिविलास तिवारी
- शांतिस्वरूप तिवारी
- रामगोपाल तिवारी
- श्रीभगवान तिवारी
- अमरनाथ तिवारी
- केदारनाथ तिवारी
- दत्त कुमार तिवारी
- राधेश्याम तिवारी
- छठवीं पीढ़ी
- ऋषिकेश तिवारी,
- राकेश तिवारी,
- प्रेमस्वरूप तिवारी,
- बसंत कुमार तिवारी
- प्रदीप कुमार तिवारी
- विजय प्रकाश तिवारी
- अभय कांत तिवारी
- बृजेश कुमार तिवारी
- तुलसी तिवारी,
- प्रमोद कुमार तिवारी,
- राजेश तिवारी
- विनय तिवारी
- निर्दलीय तिवारी,
- राधे तिवारी,
- व्रजमोहन तिवारी,
- मदन मोहन तिवारी,
- विमल कुमार तिवारी
- राजू तिवारी
- शंकर तिवारी
- अविनाश तिवारी
- न्यू तिवारी
- प्रवीण तिवारी
- सातवीं पीढ़ी
- विवेक तिवारी
- विक्रांत तिवारी,
- प्रशांत तिवारी,
- रवि कुमार तिवारी,
- अनुज तिवारी,
- मनोज तिवारी,
- मनीष तिवारी,
- मयंक तिवारी
- अजय तिवारी
- सनी तिवारी
- गगन तिवारी
- रजत तिवारी
- पीयूष तिवारी
- भारतेंद्र तिवारी
- अमन तिवारी
- शिव तिवारी
- अन्नू तिवारी
- अमित तिवारी
- नमन (ऋषभ) तिवारी
- संकल्प तिवारी,
- हार्दिक तिवारी
- आठवीं पीढ़ी
- उत्कर्ष तिवारी
- अभिराम (राम) तिवारी
- दक्ष तिवारी
- ऋषित तिवारी
- किंचु तिवारी -
- दुग्गू तिवारी
- हिरनगऊ, से 12 किमी दूर फ्रांसीसी सेना प्रमुख डी. वेन ने नवंबर 1794 में फिरोजाबाद में आयुध निर्माणी की स्थापना की ,मिस्टर थॉमस ट्रेविंग भी इस आयुध निर्माणी का उल्लेख अपनी पुस्तक 'ट्रैवल्स इन इंडिया' में किया है |
- 30 सितंबर 1803 को फिरोजाबाद शहर अंग्रेजों के अधीन हो गया और फिरोजाबाद शहर पर ब्रिटिश सरकार का शासन चलने लगा।
- The handwritten Hindi texts available in the book search written by Nagari Pracharini Sabha (Banaras Uttar Pradesh) 1817 में कोधाबम में उल्लेख किया गया है ।
- लेखक क्षेमचंद सुमन ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक स्वर्गीय हिंदी सेवी भाग II में 1822 में हीरंगा गांवमें एक अन्य परिवार के बसने का उल्लेख किया है
- ऐसा प्रतीत होता है कि यह गांव उस समय अस्तित्व में था।
(परिवार वृक्ष)
(पंडित जवाहरलाल तिवारी) |
पंडित जवाहरलाल तिवारी (1800 शताब्दी) - निवासी ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जिला आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगांव जिला फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रांत (वर्तमान-उत्तर प्रदेश) में, एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जवाहर नाम का खास महत्व है क्योंकि इसका मतलब गहना या मणि है जिसे काफी अच्छा माना जाता है।
ईश्वर की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद से समय के साथ इनका विवाह ग्राम नागऊ जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ, इनको चार पुत्र रत्न प्राप्त हुए पुत्रों का नाम ईसुरी तिवारी, तेजसिंह तिवारी, हरदेव तिवारी, रुद्र तिवारी और दो पुत्रियों ने जन्म लिया पुत्रियों का नाम गंगो तिवारी एवं दूसरी पुत्री का नाम अज्ञात है
- गंगो तिवारी - भगवान की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद से गांव ग्राम- धनसिंह का नगलामें बेटी का विवाह कर दिया।
- अज्ञात - भगवान की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद से नगला हरसुख राजस्थान में बेटी का विवाह कर दिया।
(पारिवारिक वृक्ष शाखा - 1 )
पंडित ईश्वरी तिवारी (जन्म 1800 शताब्दी) का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में ग्राम- हिरनगांव तहसील फिरोजाबाद जिला आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगांव जिला फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) में हुआ था,
पिता का नाम पंडित जवाहरलाल तिवारी था यह चार भाई थे, छोटे भाई का नाम तेज सिंह तिवारी, हरदेव तिवारी, रुद्र तिवारी और दो बहनें थीं।बहन का नाम गंगो तिवारी था, दूसरी बहन का नाम अज्ञात है।
परमपिता की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद से कालान्तर में ग्राम धौर्रा से इनका विवाह संपन्न हुआ।
रसप्यारी तिवारी - परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद से गांव- पुत्री का विवाह कर दिया
(पारिवारिक वृक्ष शाखा - 2)
( पंडित तेज सिंह तिवारी पुत्र पंडित जवाहरलाल तिवारी ) |
पंडित तेजसिंह तिवारी (जन्म 1800 सदी) जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, इनकी कुलदेवी माता बेलोन (नरोरा) के आशीर्वाद से ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम जवाहरलाल तिवारी था यह चार भाई थे बड़े भाई का नाम ईसुरी तिवारी एवं छोटे भाई का नाम हरदेव तिवारी, रूद्र तिवारी था एवं दो बहने थी बहन का नाम गंगो तिवारी दूसरी बहन का नाम अज्ञात है
इनके माता पिता को अपनी कुलदेवी पर अटूट विश्वास था मातारानी के आशीर्वाद से जन्म से ही इनका शरीर हष्ट पुष्ट एवं बलवान था बाल्यावस्था में इनके चेहरे पर इतना तेज एवं शरीर में शेर की भाति बल था इनके माता-पिता द्वारा इनके तेज एवं बल को देख कर इनका नाम पंडित तेजसिंह तिवारी रख दिया
पंडित तेजसिंह तिवारी बचपन में अपनी ननिहाल ग्राम नागऊ वर्तमान जिला फिरोजाबाद पैदल पैदल जाते थे गांव से इनकी ननिहाल की दूरी लगभग 3 किलोमीटर थी यह कई दिनों तक अपने भाई एवं बहन के साथ अपनी ननिहाल में रुक कर आते थे ननिहाल में इनको बहुत प्यार मिलता था इस कारण यह बचपन में बहुत शरारत करते थे बचपन से ही इनको अपने भाइयों से बहुत प्रेम था भाई मिलजुल कर कार्य करते थे और जो कुछ कार्य करने से धन मिलता था उससे अपना जीवन यापन परिवार चलाने के लिए करते थे
बाल्यावस्था से ही हिंदुस्तान के प्रति देश प्रेम था, हिंदुस्तानियों के बच्चों को पढ़ने लिखने नहीं दिया जाता था और उन से काम कराया जाता था गौरो द्वारा अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाया जाता था एवं अच्छी शिक्षा दिलाई जाती थी पंडित तेजसिंह तिवारी को यह देखकर बहुत ही बुरा लगता था
कुछ समय बाद इनकी अध्यापक की नौकरी लग गई एक दिन जब यह सुबह उठकर हाथ मुंह धो रहे थे उसी समय इनके घर पर एक अंग्रेज सिपाही आया और घर के बाहर से इनका नाम पुकारने लगा तभी अंदर से पंडित तेजसिंह तिवारी निकल कर बाहर आए और उस अंग्रेज सिपाही से पूछने लगे कि क्या काम है अंग्रेज सिपाही ने इनका नाम पूछा और इनसे कहने लगा कि आपको साहब ने बुलाया है यह कुछ समय बाद अंग्रेज अफसर के घर पर पहुंचे और उनसे पूछने लगे कि क्या काम है साहब तभी अंग्रेज अफसर ने इनसे अँग्रेजी मैं कहां कि (Pandit ji, if you work to teach children, then teach my children also at home ) पंडित जी आप बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं तो मेरे बच्चों को भी घर पर पढ़ा दिया करो, पंडित तेजसिंह तिवारी अंग्रेज अफसर द्वारा बोली गई अंग्रेजी को समझ चुके थे और इन्होंने अंग्रेज अफसर को अंग्रेजी में ही उत्तर दिया और कहा कि ( I do not teach children at anyone's home but only teach children in school )मैं किसी के घर पर बच्चों को नहीं पढ़ाता सिर्फ पाठशाला में बच्चों को शिक्षा देता हूं, यह सुनकर अंग्रेज अफसर गुस्से से तिलमिला गया ओर इनसे बोला कि पंडित जी आप अच्छा नहीं कर रहे हैं आपको बच्चें पढ़ाने के लिए जितने पैसे चाहिए उतने पैसे मैं दूंगा पंडित तेज सिंह तिवारी द्वारा अंग्रेज अफसर से कहा गया कि मैं पैसे का लालची नहीं हूं किसी अन्य अध्यापक से अपने बच्चों को पड़वा लीजिए यह कहकर पंडित तेजसिंह तिवारी अपने घर ग्राम हिरनगऊ में वापस आ गए और यह घटना अपने परिवार के सदस्यों को बताई,
परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से समय के साथ साथ इनका विवाह मनोहरपुर से संपन्न हुआ इसके उपरांत इनको चार पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई
कुछ समय बाद इनकी अध्यापक की नौकरी लग गई एक दिन जब यह सुबह उठकर हाथ मुंह धो रहे थे उसी समय इनके घर पर एक अंग्रेज सिपाही आया और घर के बाहर से इनका नाम पुकारने लगा तभी अंदर से पंडित तेजसिंह तिवारी निकल कर बाहर आए और उस अंग्रेज सिपाही से पूछने लगे कि क्या काम है अंग्रेज सिपाही ने इनका नाम पूछा और इनसे कहने लगा कि आपको साहब ने बुलाया है यह कुछ समय बाद अंग्रेज अफसर के घर पर पहुंचे और उनसे पूछने लगे कि क्या काम है साहब तभी अंग्रेज अफसर ने इनसे अँग्रेजी मैं कहां कि (Pandit ji, if you work to teach children, then teach my children also at home ) पंडित जी आप बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं तो मेरे बच्चों को भी घर पर पढ़ा दिया करो, पंडित तेजसिंह तिवारी अंग्रेज अफसर द्वारा बोली गई अंग्रेजी को समझ चुके थे और इन्होंने अंग्रेज अफसर को अंग्रेजी में ही उत्तर दिया और कहा कि ( I do not teach children at anyone's home but only teach children in school )मैं किसी के घर पर बच्चों को नहीं पढ़ाता सिर्फ पाठशाला में बच्चों को शिक्षा देता हूं, यह सुनकर अंग्रेज अफसर गुस्से से तिलमिला गया ओर इनसे बोला कि पंडित जी आप अच्छा नहीं कर रहे हैं आपको बच्चें पढ़ाने के लिए जितने पैसे चाहिए उतने पैसे मैं दूंगा पंडित तेज सिंह तिवारी द्वारा अंग्रेज अफसर से कहा गया कि मैं पैसे का लालची नहीं हूं किसी अन्य अध्यापक से अपने बच्चों को पड़वा लीजिए यह कहकर पंडित तेजसिंह तिवारी अपने घर ग्राम हिरनगऊ में वापस आ गए और यह घटना अपने परिवार के सदस्यों को बताई,
परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से समय के साथ साथ इनका विवाह मनोहरपुर से संपन्न हुआ इसके उपरांत इनको चार पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई
- पुत्रों का नाम खुशालीराम तिवारी, उमरावसिंह तिवारी, रामलाल तिवारी, देवीराम तिवारी था
- बेटी का नाम जमुना तिवारी था
प्रथम पुत्र रत्न प्राप्त होते ही इनके घर परिवार में खुशहाली आ गई सभी लोग बड़े प्रसन्न थे अपने परिवार की खुशहाली को देखते हुए इन्होंने अपने बड़े पुत्र का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी रख दिया समय के साथ-साथ इनके चारों पुत्र बड़े होते गए और अपने सभी पुत्रों का विवाह समय को देखते हुए संपन्न कर दिया
- जमुना तिवारी- परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से पुत्री की शादी पंडित गिरवर के साथ निवासी- ग्राम धीरपुरा जनपद फिरोजाबाद मैं कर दी
माता बेलोन कुलदेवी का आशीर्वाद प्राप्त कर क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी ने 1857 की क्रांति की जंग में भाग लिया 1857 की क्रान्ति की शुरूआत '10 मई 1857' की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको समस्त हिंदुस्तानी 10 मई को प्रत्येक वर्ष ”क्रान्ति दिवस“ के रूप में मनाते हैं,
फिरोजाबाद नगर के संबंध में 13 मार्च 1918 को उत्तर पश्चिम प्रदेश के वेदोंशिक विभाग की एक फाइल जो कि सचिव सचिवालय उत्तर प्रदेश में है जिसमें 1857 क्रांति मैं आगरा क्षेत्र के अंतर्गत घटित घटनाओं का एक छोटा सा विवरण दिया गया है जिसमें कहा गया है कि फिरोजाबाद परगना में स्थित कुछ क्षेत्रों के निवासी हिंसात्मक कार्य में सक्रिय नहीं है फिर भी वह ब्रिटिश शक्ति की आज्ञा की अवहेलना कर रहे हैं इस वृत्तांत से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फिरोजाबाद नगर में 1857 की क्रांति के बाद भी हिंदुस्तानियों के दिलों में क्रांति की भावना बनी रही
पंडित तेजसिंह तिवारी का देहांत ग्राम हिरनगऊ में हो गया एक क्रांतिकारी ने अपना संपूर्ण जीवन हिंदुस्तान की आजादी के लिए न्योछावर कर दिया एवं हिंदुस्तानी दिलों में हमेशा के लिए अपना नाम अमर कर गए
मूल शोध अभिलेख
पुस्तक- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का साहित्य पक्ष पेज संख्या-06 |
संदर्भ-
- 12 मई 2020 को क्राइम मेल राष्ट्रीय समाचार पत्र अलीगढ़ से प्रकाशित ने "आज हम भुला चुके एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम :पंडित तेजसिंह तिवारी" शीर्षक लेख छापा
- 14 अगस्त 2020 को नवभारत टाइम्स समाचार पत्र ने "यहां रहते थे हिरन और गाय" शीर्षक लेख छापा
- 7 अक्टूबर 2020 को दैनिक राजपथ समाचार पत्र ने "आज हम भुला चुके 1800 सौ सदी में जन्मे एक क्रांतिकारी का नाम- पंडित तेजसिंह तिवारी" शीर्षक लेख छापा अखबार के पेज संख्या- 07 में लेख प्रकाशित किया
- 2 मार्च 2021 को स्वराज्य टाइम्स समाचार पत्र आगरा से प्रकाशित ने "1800 सौ सदी में जन्मे हिरनगांव निवासी क्रांतिकारी: पंडित तेजसिंह तिवारी" शीर्षक लेख छापा अखबार के पेज संख्या-में लेख प्रकाशित किया
- जश्न ए आजादी 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर जश्न में डूबा देश-ANB News इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा 15 अगस्त 2021 को हिरनगऊ(वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगाँव)जनपद फिरोजाबाद के क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी व पंडित खुशालीराम तिवारी का नाम प्रमुखता से प्रसारित किया
- 28 सितंबर 2022 को नवभारत टाइम्स समाचार पत्र ने "बस अंग्रेज निकल जाए" इस शिक्षक ने भारतीय बच्चों को बताएं अधिकार और कर्तव्य, अंग्रेजों की कर दी बोलती बंद शीर्षक लेख छापा
- 30 सितंबर 2022 दैनिक अवंतिका समाचार पत्र इंदौर से प्रकाशित ने क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी निवासी- जनपद फिरोजाबाद के बारे में अपने अखबार के पेज संख्या- 05 में लेख प्रकाशित किया
- 16 दिसंबर 2022 को पाथेय कण पाक्षिक पत्रिका ई-संस्करण जयपुर से प्रकाशित द्वारा अपनी पत्रिका के (बलिदान गाथा) पृष्ठ संख्या 08 पर प्रश्न संख्या 5 में क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी के नाम का उल्लेख अपनी पत्रिका मैं किया गया
- 28 मार्च 2023 को शहीदी दरिया समाचार पत्र ने "हिंदुस्तानी शिक्षक ने कर दी अंग्रेजों की बोलती बंद" नामक शीर्षक लेख छापा |
- 1 अप्रैल 2023 को संदेश वाहक समाचार पत्र ने " इस शिक्षक ने भारतीय बच्चों को बताएं अधिकार और कर्तव्य, अंग्रेजों की कर दी बोलती बंद" नामक शीर्षक लेख छापा |
- 4 अप्रैल 2023 को दैनिक प्रकाश समाचार पत्र ने "हिंदुस्तानी शिक्षक ने कर दी अंग्रेजों की बोलती बंद" नामक शीर्षक लेख छापा अखबार के पेज संख्या- 03 में लेख प्रकाशित किया |
- लेखक बी0 एस0 परसीडीया ने अपनी पुस्तक- भारत में स्वतंत्रता तथा लोकतंत्रात्मक गणराज्य का उदय पेज संख्या-89 पर क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी के नाम का उल्लेख किया है
- लेखक मधु धामा ने अपनी पुस्तक- मुस्लिम विदुषियों की घर वापसी पेज संख्या-70 पर क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी के नाम का उल्लेख किया है
- लेखक वीर सिंह ने अपनी पुस्तक- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का साहित्य पक्ष पेज संख्या-06 पर क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी के नाम का उल्लेख किया है
- https:// www.geni.com/people/ क्रांतिकारी-पंडित-तेजसिंह-तिवारी / 6000000128746227384
(पारिवारिक वृक्ष शाखा - ए)
(पंडित खुशालीराम तिवारी पुत्र पंडित तेज सिंह तिवारी)
पंडित खुशालीराम तिवारी (जन्म 1800 शताब्दी) - का जन्म उत्तर-पश्चिमी प्रांतों (वर्तमान उत्तर प्रदेश) में गांव-हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जिला आगरा (वर्तमान राजस्व गांव- हिरनगांव जिला फिरोजाबाद) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित तेजसिंह तिवारी, भाइयों का नाम पंडित उमरावसिंह तिवारी, रामलाल तिवारी, देवीराम तिवारी था
बचपन से ही वे स्वतंत्र स्वभाव के थे, वे किसी व्यक्ति को प्रताड़ित होते नहीं देख सकते थे, यदि किसी व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाता था, तो वह उस अत्याचारी से लड़ता था, गाँव के कायस्थों से उसका कई बार झगड़ा होता था, उसके पिता उसे समझाते थे। उसे। कि बेटे झगड़ा न करें, लेकिन कुछ समय के लिए वे अपने पिता की बात मान लेते, लेकिन उसके बाद वे फिर से वही काम करने लगते।
वर्ष 1880 में पहली बार फिरोजाबाद में रामलीला (रामलीला मैदान) हो रही थी और उन्होंने अपने पिता से रामलीला देखने की जिद की और कहने लगे कि गांव के कई बच्चे रामलीला देखने जा रहे हैं, मैं भी देखने जाऊंगा उनके साथ रामलीला। बेटे की जिद मान ली और उसे गांव के बच्चों के साथ फिरोजाबाद रामलीला मैदान में रामलीला देखने के लिए जाने दिया और जब वह इस रामलीला को देखकर लौटा तो पिता ने उससे पूछा कि बेटे को रामलीला कैसी लगी तो वह बहुत खुश हुए और उन्होंने अपने पिता को बताया कि रामलीला बहुत अच्छी थी
परमपिता परमात्मा की असीम अनुकम्पा और अपने पूर्वजों के आशीर्वाद से उनका विवाह गांव लुहारी (जिला फिरोजाबाद) में बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती केसरी तिवारी था।
- पुत्रों का नाम श्रीराम तिवारी, बद्रीप्रसाद तिवारी, उमाशंकर तिवारी था .
- बेटियों के नाम रुक्मणी तिवारी, रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी, दुलारो तिवारी, बैकुंठी तिवारी था ।
- रुक्मणी तिवारी (जन्म) भगवान की असीम अनुकम्पा और पितरों के आशीर्वाद सेखैरगढ़ में कन्या का विवाह करा दिया।
- रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी (जन्म 1895), परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी एक पुत्री की शादी उत्तर प्रदेश आगरा जनपद निवासी ग्राम आंवलखेडा केे पंडित रूप किशोर शर्मा जी के बड़े सुपुत्र के साथ कर दी रूप किशोर शर्मा जी के छोटे पुत्र का नाम पंडित श्रीराम शर्मा (अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक / संरक्षक ) था
- दुलारो तिवारी (जन्म 1896) परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से पुत्री की शादी कुंडा खंदौली मैं कर दी
- बैकुंठी तिवारी(जन्म 9 मार्च 1914) परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से पुत्री की शादी पेतपुरा मैं कर दी
बेटियों का विवाह कर इस कन्या को विवाह बंधन से मुक्त किया, मन में भगवान श्रीराम की भावना व्यक्त करते हुए अपने सबसे बड़े पुत्र का नाम पंडित श्री राम तिवारी रखा, अपने तीन पुत्रों को गांव के स्कूल में पढ़ाया, गांव में पंडित कल्याण प्रसाद बच्चों को पढ़ाया। स्कूल। उस समय पंडित कल्याण प्रसाद एक वरिष्ठ शिक्षक थे, पंडित खुशालीराम तिवारी की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी। "एक दिन कुछ ग्रामीण उनके पास आए और गांव के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की आपबीती सुनाने लगे कि हिरनगांव प्राइमरी विद्यालय में बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है जिस पर वर्तमान प्राथमिक विद्यालय सुशोभित है अपनी जन्मभूमि के बच्चों के भविष्य को देखते हुए पंडित खुशालीराम तिवारी ने प्राथमिक विद्यालय की जमीन दान में दे दी वर्तमान में तिवारी वंशज संरक्षक के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं
तिवारी वंशजों द्वारा किया गया घटना का जिक्र-
- 1-पंडित खुशालीराम तिवारी सच्चे हिंदुस्तानी थे, उन्हें एक झगड़े में फंसा दिया, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और आगरा जेल ले गई . वे शरीर में मजबूत और लंबे थे, वे बिना कोई अपराध किए जेल में सजा काट रहे थे, जो उन्होंने नहीं किया था, वे जेल के अंदर जेल से बाहर निकलने की सोचने लगे। जब उन्होंने योजना बनाना शुरू किया तो पता चला कि एक लुटेरा पहले से ही जेल के अंदर उम्रकैद की सजा काट रहा है, उस लुटेरे को उम्रकैद की सजा हो चुकी है, उसने उस लुटेरे से कहा कि तुम मेरे कंधे पर बैठ जाओ और जेल की दीवार से कूद जाओ। जेल से भाग कर लुटेरा उसकी बातों में आया और उसके अनुसार काम करने लगा। एक दिन उसने उस लुटेरे को अपने कंधे पर बिठा लिया और जेल की दीवार से कूदने लगा जैसे ही लुटेरा जेल की दीवार पर था जब वह कूदने ही वाला था तो इन्होंने लुटेरे के पैर पकड़ लिए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि लुटेरा भाग रहा है जेल में, तब डाकू को पकड़ लिया और जेलर उनसे बहुत प्रसन्न हुआ कि मैं तुम्हें जेल से रिहा करने में तुम्हारी मदद करूंगा। सजा काटने के बाद पंडित खुशालीराम तिवारी जेल से रिहा हो गए। खुशालीराम तिवारी ने इस घटना का जिक्र अपने परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से किया।
- 2- ग्राम राजा के ताल में एक जमींदार था, वह बहुत अधर्मी था, रास्ते में किसी की डोली जाती तो वह डोली लूटकर अपने घर ले आता, एक दिन गांव धीरपुरा की डोली जा रही थी जमींदार ने डोली को लूट लिया और जब लूटी गई डोली के परिवार वाले रास्ते में जा रहे थे, तो रास्ते में उनकी मुलाकात पंडित तेजसिंह तिवारी के दो बेटों से हुई और उन्होंने उन्हें अपने साथ हुई घटना की पूरी कहानी सुनाई. घर आकर उन्होंने इस घटना का जिक्र अपने पिता और बड़े भाई पंडित खुशालीराम तिवारी से किया, यह सुनकर पिता-पुत्रों का खून खौल गया, दोनों भाइयों उमरावसिंह और देवीराम ने सबक सिखाने की योजना बनाई. एक दिन रास्ते में घात लगाकर बैठ गए, जमींदार को अपनी ओर आते देख, कंबल जैसे ही जमींदार अपने घोड़े से उतर कर उसके पास आया और उसने पूछा कि तुम यहाँ क्यों बैठे हो, वह शांत रहा और कुछ नहीं कहा, अचानक थोड़ी देर बाद दोनों भाइयों ने जमींदार से कहा कि तुम्हारे नीचे एक साँप है पांव के नीचे सर्प सोचकर जमींदार जैसे ही झुके तो दोनों भाइयों ने जमींदार पर चाकू से वार कर जमींदार को मार डाला, सजा के डर से दोनों भाई कलकत्ता में चला गया और वहां अपनी पहचान छुपाकर रहने लग, और वे फिर से लौटकर अपने गांव नहीं लौट सके।
दिनांक 19 मई 1941 दिन सोमवार को इनकी धर्मपत्नी श्रीमती केसरि तिवारी की मृत्यु ग्राम हिरनगऊ में हो गई इसके उपरांत बड़े पुत्र मातृभक्त श्रीराम तिवारी द्वारा अपनी परम पूज्यनीय माता जी की समाधि का निर्माण ततसमय ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में कराया गया इनकी मृत्यु पर लेखक पंडित बेनीप्रसाद गौतम काव्य सुधाकर निवासी ग्राम-उलाऊ जनपद फिरोजाबाद द्वारा कहां गया :-
सती शिरोमणि- सरलचित ................ जंजाल
जाइवसी सुरलोक विच "केसरि" केहि सुरमात ।
पंडित खुशालीराम तिवारी अपनी धर्मपत्नी की मृत्यु के बाद बहुत दुखी रहने लगे समय के साथ साथ इन्होंने दुख को सहन करना सीख लिया पंडित खुशालीराम तिवारी जमीन पर फिसल गए जिससे इनका कूल्हा टूट गया कूल्हा टूटने पर इनको काफी दर्द भरी तकलीफ होने लगी और यह अपना घरेलू इलाज अपने घर पर ही करने लगे दर्द होने के कारण इनका कुछ समय तक चलना फिरना बिल्कुल बंद हो गया और अपने घर पर ही आराम करने लगे कुछ बरसों बाद इनकी मृत्यु ग्राम हिरनगऊ मैं हो गई
मूल शोध अभिलेख
संदर्भ-
- https:// www.geni.com/people/ पंडित-खुसालीराम-तिवारी / 6000000128750502916
- 14 अगस्त 2020 को नवभारत टाइम्स समाचार पत्र ने "यहां रहते थे हिरन और गाय" शीर्षक लेख छापा
(पंडित श्रीराम तिवारी पुत्र खुशालीराम तिवारी)
पंडित श्रीराम तिवारी (जन्म 1894)-पंडित श्रीराम तिवारी (1894)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी व माता का नाम श्रीमती केसरि तिवारी था भाइयों का नाम बद्रीप्रसाद तिवारी, उमाशंकर तिवारी एवं बहनों का नाम रुक्मणी तिवारी, रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी, दुलारो तिवारी, बैकुंठी तिवारी था
बचपन से ही यह अपनी माता को बहुत प्रेम करते थे पिता द्वारा इनका दाखिला वर्ष 1901 मैं ग्राम की पाठशाला में करवा दिया परंतु इनका मन पाठशाला में नहीं लगता था इस कारण यह कई दिन पाठशाला में नहीं जाते थे अध्यापक द्वारा इनके गैरहाजिर रहने पर 31 जुलाई 1903 दिन शुक्रवार को इनको पाठशाला से निकाल दिया पिता की गुजारिश पर इनका फिर से पाठशाला में दाखिला कर लिया गया एक दिन ग्राम की पाठशाला के अध्यापक द्वारा एक बच्चे को बिना किसी जुर्म के दंड दिया जा रहा था इनके द्वारा यह अन्याय होता नहीं देखा गया और अध्यापक से जुबान चलाने लगे इस कारण अध्यापक ने जुबान चलाने पर इनका नाम पुनः 30 अप्रैल 1910 दिन शनिवार को विद्यालय से काट दिया जब यह अपने घर वापस आए तो घर पर पूरा वृतांत अपने माता पिता को बताया पिताजी द्वारा इनको समझाया गया कि बेटा अध्यापक से जुबान नहीं चलाते अगले दिन पिता के साथ पाठशाला में गए पिता ने अध्यापक से पुनः दाखिला करने का अनुरोध किया अध्यापक द्वारा पिता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और पाठशाला में फिर से नाम लिख दिया
पंडित श्रीराम तिवारी अपने भाइयों में सबसे बड़े थे सबसे बड़े होने के कारण इनके ऊपर घर परिवार की भी जिम्मेदारी का उत्तर दायित्व था अपने उत्तरदायित्व को पूर्ण करने के लिए यह 16 वर्ष की आयु में 30 नवंबर 1910 दिन बुधवार को ग्राम की पाठशाला (हिरनगाँव) से नाम कटवा कर अपने ग्राम को छोड़कर अपने पिताजी के साथ कलकत्ता नौकरी करने चले गए कलकत्ता जाकर इनको जमादार की नौकरी मिल गई और वहांं नौकरी करने लगे यह प्रतिदिन सुबह उठकर अपने काम पर जाते और शाम होते ही अपने कमरे पर वापस आ जाते परंतु इनको अपने परिवार की याद आती थी कि मेरा परिवार किस तरह ग्राम में रह रहा होगा और मेरी याद भी करता होगा यही सोच विचार कर वह सो जाते नौकरी पर इनके कुछ मित्र भी बन गए काम करने के बाद कुछ खाली समय मिलता था तब सभी व्यक्ति अपने अपने घर परिवार की बातें करते थे जब इनको काम के बदले में जो धनराशि मिलती थी उस धनराशि से अपने परिवार के लिए कलकत्ता से सामान खरीद कर अपने परिवार के पास बिल्टी कर भेज देते यहां पर परिवार के व्यक्ति भेजे गए सामान को ले आते पंडित श्रीराम तिवारी से कुछ माह पहले छोटे भाई बद्रीप्रसाद तिवारी कलकत्ता नौकरी पर पिताजी के साथ चले गए परंतु कुछ समय तक इनके छोटे भाई द्वारा नौकरी की गई और उसके बाद नौकरी छोड़कर अपने ग्राम वापस आ गए और ग्राम में ही रहने लगे फिर दोबारा कभी कलकत्ता नहीं गए छोटे भाई द्वारा बिना बताए नौकरी छोड़ कर आ जाने पर पंडित श्रीराम तिवारी को अंग्रेजों द्वारा दंड दिया गया कि आपका भाई बिना बताए हुए नौकरी छोड़कर चला गया है इस कारण आपको अपने भाई का दंड स्वयं भोगना पड़ेगा अंग्रेजों द्वारा कुछ जुर्माना तय किया गया अपने छोटे भाई पर किए गए जुर्माना को इनके द्वारा वहां रहकर अंग्रेजों को देना पड़ा और जो कुछ पैसा बचता वह अपने परिवार के पास भेज देते जिससे परिवार का पालन पोषण होता रहा सन 19 मई 1941 दिन सोमवार को इनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया जब माता जी का स्वर्गवास हुआ तब इनकी उम्र 47 वर्ष थी माता जी की मृत्यु हो जाने से इनको बहुत दुख हुआ क्योंकि इन्हें अपनी माताजी से बहुत प्रेम था इसी प्रेम के खातिर यह अपनी माता जी की मृत्यु के सदमे को सहन नहीं कर पा रहे थे परंतु कुछ समय बाद यह अपनी माता जी की मृत्यु के सदमे से बाहर निकले और अपने परिवार की तरफ ध्यान देने लगे पंडित श्रीराम तिवारी द्वारा अपनी जन्मभूमि ग्राम हिरनगऊ (हिरनगाँव) मैं अपने निवास भवन का निर्माण दिनांक 4 जून 1960 दिन शनिवार को किया जिसका नाम श्रीराम-भवन रख दिया परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्यामा देवी उपाध्याय के साथ निवासी ग्राम- चावली (जिला आगरा) से संपन्न हुआ कुछ समय बाद इनके यहां दो पुत्र रत्न एवं चार धन लक्ष्मी पुत्री का जन्म हुआ इनके पुत्रों का नाम पंडित लक्ष्मण स्वरूप तिवारी, परमेश्वर दयाल तिवारी था एवं पुत्रियों का नाम कैलाशी तिवारी, कांतीदेवी उर्फ कंन्तो तिवारी,शांतिदेवी उर्फ संतो तिवारी , रामवती तिवारी था श्रीराम तिवारी की मृत्यु ग्राम हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद मैं हो गई
- पुत्रों का नाम पंडित लक्ष्मण स्वरूप तिवारी , परमेश्वर दयाल तिवारी था
- पुत्रियों का नाम कैलाशी, कांतीदेवी उर्फ कंन्तो,शांतिदेवी उर्फ संतो , रामवती था
- कैलाशी (जन्म 21 फरवरी 1922)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह पंडित जोधाराम के सुपुत्र श्री पंडित सोनेलाल शर्मा निवासी मुजफ्फरपुर डाकखाना तिलहानी जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- कांतीदेवी उर्फ कंन्तो (जन्म 15 जुलाई 1926)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह पंडित भूरी सिंह के सुपुत्र पंडित रघुनाथ प्रसाद निवासी ग्राम नगला सिंघी जनपद फिरोजाबाद मैं कर दिया
- शांतिदेवी उर्फ संतो (जन्म 15 जुलाई 1926)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह कर दिया
- रामवती(जन्म 5 अप्रैल 1930)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह बहोतीराम शर्मा के सुपुत्र शांति नारायण शर्मा के साथ निवासी फतेहाबाद आगरा में कर दिया
तिवारी वंशजों द्वारा बताया गया वृत्तांत- तिवारी परिवार में कोलकाता से एक मैना खरीद कर लेकर आए वह मैना परिवार के सदस्यों से बात करती थी परिवार में मैना के सामने जो भी वार्तालाप होता था वह सभी वार्तालाप को एक दूसरे से बता देती थी पंडित श्री राम तिवारी की धर्मपत्नी श्यामादेवी से भाभी कहकर बातें करती और उनको बाते बताती थी एक दिन वह कमरे में पिंजरे में बंद थी और कमरे में धुआ हो गया धुआ होने से मैना का दम घुटने लगा दम घुटने से मैना ने अपने प्राण त्याग दिए यह वृत्तांत आज भी तिवारी वंशजों द्वारा बताया जाता है
मूल शोध अभिलेख
संदर्भ-
- https:// www.geni.com/people/ पंडित-श्रीराम-तिवारी / 6000000128753767898
लक्ष्मणस्वरूप तिवारी (5 जनवरी 1928 - 8 जून 2014) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं दिन बृहस्पतिवार को एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम श्रीराम तिवारी व माता का नाम श्रीमती श्यामा देवी तिवारी था भाई का नाम परमेश्वर दयाल तिवारी था इनकी चार बहने थी कैलाशी, कांतीदेवी उर्फ कंन्तो , शांतिदेवी उर्फ संतो, रामवती तिवारी था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई ग्राम की पाठशाला मैं बालक पंजिका अभिलेखों में क्रम संख्या 608 पर नाम एवं जन्मतिथि अंकित है 23 मई 1939 दिन मंगलवार को ग्राम की पाठशाला से इनका नाम कट गया इन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की।
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका प्रथम विवाह ग्राम कूकरा पोस्ट सहपऊ जिला धौलपुर राजस्थान से किरनदेवी के साथ संपन्न हुआ कुछ समय बाद पुत्र जन्म के समय इनकी धर्मपत्नी का आगरा, हॉस्पिटल में देहांत हो गया इसके बाद यह बहुत दुखी हुए और कुछ समय बाद इनके परिवार के व्यक्तियों ने इनको समझाया और इनका विवाह पुनः दुबारा करवा दिया
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका दूसरा विवाह पंडित भगवती प्रसाद लवानिया निवासी- ग्राम बेरीचाहर जिला आगरा की सुपुत्री राजकुमारी लवानिया के साथ संपन्न हुआ इनको चार पुत्र रत्न प्राप्त हुए उनके नाम
- ऋषिकेश तिवारी, राकेश तिवारी, प्रेमस्वरूप तिवारी, बसंत कुमार तिवारी
- पुत्रियों का नाम राधा तिवारी, रख दिया
इन्होंने अपने पिता की प्रतिष्ठा को बरकरार बनाए रखा इनकी नियुक्ति सन 11 अप्रैल 1953 दिन शनिवार को लेखपाल पद पर हुई थी यह सरकारी सेवा के राजस्व विभाग में सेवारत रहे और उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन तहसील फिरोजाबाद के अंतर्गत लेखपाल पद पर रहते हुए ग्रामीण जनता की सेवा की और यह तहसील फिरोजाबाद जिला आगरा में लेखपाल संघ (कर्मचारी यूनियन) के अध्यक्ष भी रहे 31 जनवरी 1986 दिन शुक्रवार को तहसील फिरोजाबाद से सेवानिवृत्त हो गए सेवानिवृत्त के समय ग्राम उसायनी मैं लेखपाल पद पर तैनात थे इनकी लंबाई 5 फुट 7 इंच थी 01 फरवरी 1986 दिन शनिवार से इनकी पेंशन प्रारंभ की गई
जे0 बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा मैं अध्यक्ष पद पर आसीन रहे बाद में इनके द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया दिनांक 6 जून 1988 दिन सोमवार को हिरनगांव ग्राम पंचायत के प्रधान के निर्वाचन के लिए उम्मीदवार नाम निर्देशन पत्र निर्वाचन अधिकारी कार्यालय मैं समय 12:15 पर उम्मीदवार पद हेतु आवेदन किया ग्राम के विकास हेतु ग्राम में मंदिर पुस्तकालय निर्माण हेतु मंदिर-पुस्तकालय निर्मात्री समिति हरनगऊ का गठन किया गया
आदरणीय अध्यक्ष महोदय, पत्र सन - 1986
अधिकारी वर्ग एवं प्रिय साथियों
आज आपके द्वारा मुझे जो सम्मान प्रदान किया गया है वास्तव में मैं उसके योग्य नहीं हूं क्योंकि मेरे जीवन में जिन विशेषताओं का अवलोकन आपके द्वारा किया जा रहा है उनके निर्माण में आप का ही हाथ है क्योंकि अधिकारियों के प्रेम पूर्ण आदेशों एवं साथियों के स्नेहा से ही में अपने कर्तव्य का सफलतापूर्वक निर्वाह करने में सफल रहा मैंने आज से 33 वर्ष पूर्व सन 1953 में लेखपाल के रूप में नौकरी प्रारंभ की उस समय में हाईस्कूल था
यही आदर्श जीवन भर मेरे अपने समक्ष रखा ग्रीष्म की तपतपाती धूप एवं शीतकाल की ठंडी लहरों की मैंने चिंता नहीं की (पत्र का पेज फटा हुआ) किया गया परिणाम यह हुआ कि मेरे और मेरे अधिकारियों के मध्य संबंध कभी भी कटता पूर्ण नहीं हुए बल्कि सदैव पारिवारिक रहे तथा सभी अधिकारियों से मुझे पुत्रवती स्नेक मिला जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी हूं मैंने अपने जीवन में अपने कर्तव्य का सर्वोपरि समझा working is work life मेरा आदत रही यही ऐसी प्रेरणा थी कि मैं अधिकारियों की दृष्टि में एक जागरूक सिपाही समझा गया मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य के इतने लंबे काल में कभी भी अधिकारियों द्वारा ना तो निलंबित किया गया और ना मेरी सेवा पंजिका में मेरे विरुद्ध एतराज किया गया जनता के साथ मेरा व्यवहार जनसेवक का रहा यही कारण है कि कभी भी जनता द्वारा मेरे अधिकारियों से मेरे बारे में कभी शिकायत नहीं की गई एक तरफ अधिकारियों द्वारा (पत्र का पेज फटा हुआ) उपकारों को कैसे भुलाया जा सकता है
आज मेरे हृदय में दो विरोधी विचारधाराएं उठ रही है एक और में आत्मिक शांति का अनुभव कर रहा हूं कि आज के युग में जब नौकरी कांटों का ताज है मैंने उसे पहनकर ससम्मान सेवा निवृत्ति प्राप्त की है लेकिन दूसरी ओर आज मुझे अपार दुख हो रहा है कि आज आपके द्वारा परिवार से अलग किया जा रहा है आज बसंत ऋतु अपने चरम पर है होली का त्यौहार सामने है होली के अवसर पर शत्रु भी गले मिलते हैं लेकिन आज कैसी होली है कि मुझे अपने घर से बाहर किया जा रहा है खैर यह विधि का विधान है इसे कोई रोक नहीं सकता अंत में मैं यही निवेदन करता हूं कि माननीय अधिकारी वर्ग द्वारा जिस प्रकार मेरे साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार किया गया इसी प्रकार मेरे साथियों के साथ करें तथा मे अपने साथियों से निवेदन करता हूं कि वह सदैव अधिकारियों का सहयोग प्रदान करें अंत में में आप सभी का आभारी हूं तथा मुझसे जो भी गलतियां मेरे सेवाकाल में हुई है उनको मेरे अधिकारी व साथी क्षमा करें तथा भविष्य में समय-समय पर याद करते रहे
(लक्ष्मण स्वरूप तिवारी)
सेवानिवृत्त लेखपाल तहसील फिरोजाबाद
जनपद आगरा उत्तर प्रदेश
आदरणीय अध्यक्ष महोदय, पत्र सन - 1986
अधिकारी वर्ग एवं प्रिय साथियों
आज आपके द्वारा मुझे जो सम्मान प्रदान किया गया है वास्तव में मैं उसके योग्य नहीं हूं क्योंकि मेरे जीवन में जिन विशेषताओं का अवलोकन आपके द्वारा किया जा रहा है उनके निर्माण में आप का ही हाथ है क्योंकि अधिकारियों के प्रेम पूर्ण आदेशों एवं साथियों के स्नेहा से ही में अपने कर्तव्य का सफलतापूर्वक निर्वाह करने में सफल रहा मैंने आज से 33 वर्ष पूर्व सन 1953 में लेखपाल के रूप में नौकरी प्रारंभ की उस समय में हाईस्कूल था
यही आदर्श जीवन भर मेरे अपने समक्ष रखा ग्रीष्म की तपतपाती धूप एवं शीतकाल की ठंडी लहरों की मैंने चिंता नहीं की (पत्र का पेज फटा हुआ) किया गया परिणाम यह हुआ कि मेरे और मेरे अधिकारियों के मध्य संबंध कभी भी कटता पूर्ण नहीं हुए बल्कि सदैव पारिवारिक रहे तथा सभी अधिकारियों से मुझे पुत्रवती स्नेक मिला जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी हूं मैंने अपने जीवन में अपने कर्तव्य का सर्वोपरि समझा working is work life मेरा आदत रही यही ऐसी प्रेरणा थी कि मैं अधिकारियों की दृष्टि में एक जागरूक सिपाही समझा गया मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य के इतने लंबे काल में कभी भी अधिकारियों द्वारा ना तो निलंबित किया गया और ना मेरी सेवा पंजिका में मेरे विरुद्ध एतराज किया गया जनता के साथ मेरा व्यवहार जनसेवक का रहा यही कारण है कि कभी भी जनता द्वारा मेरे अधिकारियों से मेरे बारे में कभी शिकायत नहीं की गई एक तरफ अधिकारियों द्वारा (पत्र का पेज फटा हुआ) उपकारों को कैसे भुलाया जा सकता है
आज मेरे हृदय में दो विरोधी विचारधाराएं उठ रही है एक और में आत्मिक शांति का अनुभव कर रहा हूं कि आज के युग में जब नौकरी कांटों का ताज है मैंने उसे पहनकर ससम्मान सेवा निवृत्ति प्राप्त की है लेकिन दूसरी ओर आज मुझे अपार दुख हो रहा है कि आज आपके द्वारा परिवार से अलग किया जा रहा है आज बसंत ऋतु अपने चरम पर है होली का त्यौहार सामने है होली के अवसर पर शत्रु भी गले मिलते हैं लेकिन आज कैसी होली है कि मुझे अपने घर से बाहर किया जा रहा है खैर यह विधि का विधान है इसे कोई रोक नहीं सकता अंत में मैं यही निवेदन करता हूं कि माननीय अधिकारी वर्ग द्वारा जिस प्रकार मेरे साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार किया गया इसी प्रकार मेरे साथियों के साथ करें तथा मे अपने साथियों से निवेदन करता हूं कि वह सदैव अधिकारियों का सहयोग प्रदान करें अंत में में आप सभी का आभारी हूं तथा मुझसे जो भी गलतियां मेरे सेवाकाल में हुई है उनको मेरे अधिकारी व साथी क्षमा करें तथा भविष्य में समय-समय पर याद करते रहे
(लक्ष्मण स्वरूप तिवारी)
सेवानिवृत्त लेखपाल तहसील फिरोजाबाद
जनपद आगरा उत्तर प्रदेश
- राधा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 17 फरवरी 1991 दिन रविवार को बोहरे पंडित हरिशंकर दीक्षित के सुपुत्र श्री राजकुमार शर्मा मूल निवासी ग्राम बुर्जबाजी सादाबाद आगरा बर्तमान निवासी अल्फा- 1 ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न कर दिया
- दिनांक 31 दिसंबर 2001दिन सोमवार को इनकी पत्नी का देहांत ग्राम व पोस्ट हिरनगांव जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश मैं हो गया परंतु इनका दाह संस्कार हिंदू रीति रिवाज से दिनांक 1 जनवरी 2002 दिन मंगलवार को सोरों में किया गया क्योंकि इनकी धर्मपत्नी की इच्छा थी कि मेरा दाह संस्कार गंगा के घाट पर किया जाए अपनी धर्मपत्नी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए इन्होंने धर्मपत्नी की इच्छा को पूर्ण किया और अपना पति धर्म निभाया अपनी पत्नी के देहांत हो जाने के बाद बड़े दुखी रहने लगे,यह विधि का विधान था
- परमपिता परमेश्वर की विशेष प्रेरणा से अनवरत एकादशी उपवास रखने के उपरांत एकादशी उद्यापन के शुभ अवसर पर अपने निज निवास हिरनगांव में दिनांक 16 मार्च 2011 दिन बुधवार को अखंडरामायण पाठ व 17 मार्च 2011 दिन बृहस्पतिवार को प्रीतिभोज का आयोजन किया गया,लक्ष्मण स्वरूप तिवारी की मृत्यु दिनांक 8 जून 2014 दिन रविवार को गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल (जीo बीo पंत हॉस्पिटल) दिल्ली में हुई थी इन्होंने अपना जीवनकाल 86 वर्ष 5 माह 3 दिन का जीवनकाल जिया इनका दाह संस्कार इनकी जन्म भूमि ग्राम हिरनगाँव जिला फ़िरोज़ाबाद में हुआ ।
- मूल शोध अभिलेख
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित भूप सिंह शर्मा द्वारा लिखा गया निजी पत्र :- |
अखिलेश यादव जी द्वारा भेजी गई शुभकामनाएं पत्र
अटल विहारी बाजपेयी द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
राजनाथ सिंह जी द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
मुलायम सिंह यादव द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
अजीत सिंह द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
डॉक्टर के एल् जैन द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
संदर्भ-
- https:// www.geni.com/people/ पंडित-लक्ष्मणस्वरूप-तिवारी / 6000000128801198921
- 23 मई 1939 मैं ग्राम की पाठशाला के बालक पंजिका अभिलेख
- दिनांक 25 फरवरी 1993 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित भूप सिंह शर्मा द्वारा लिखा गया निजी पत्र |
- दिनांक 11 जुलाई 2012 को अखिलेश यादव मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश लाल बहादुर शास्त्री भवन लखनऊ द्वारा प्रेषित धन्यवाद पत्र |
- दिनांक 31 मार्च 2008 को श्री अटल बिहारी बाजपेई नई दिल्ली द्वारा भेजा गया बधाई पत्र |
- वर्ष 2008 में श्री राजनाथ सिंह संसद सदस्य (अध्यक्ष) भारतीय जनता पार्टी द्वारा भेजा गया बधाई पत्र |
- दिनांक 8 अप्रैल 2008 को श्री मुलायम सिंह यादव नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी (नेता विरोधी दल) विधान सभा उत्तर प्रदेश के पत्रांक 958/ नेo विo दo/2008 विधान भवन, लखनऊ द्वारा भेजा गया बधाई पत्र |
- दिनांक 29 मार्च 2008 को श्री अजीत सिंह सांसद अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक दल नई दिल्ली द्वारा भेजा गया बधाई पत्र |
- दिनांक 30 मार्च 2008 को डॉक्टर के एल जैन सेक्रेटरी जनरल राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री राजस्थान चेंबर भवन जयपुर द्वारा भेजा गया बधाई पत्र |
- 25 नवंबर 2023 को पब्लिक एशिया दैनिक समाचार पत्र ने ''समाज सेवा के प्रतिमूर्ति थे लक्ष्मणस्वरूप तिवारी,, नामक शीर्षक लेख छापा अखबार के पेज संख्या- 04 में लेख प्रकाशित किया |
- 25 नवंबर 2023 को शहीदी दरिया दैनिक समाचार पत्र ने ''समाज सेवा के प्रतिमूर्ति थे लक्ष्मणस्वरूप तिवारी,, नामक शीर्षक लेख छापा अखबार के पेज संख्या- 03 में लेख प्रकाशित किया |
(सुमन तिवारी धर्मपत्नी ऋषिकेश तिवारी)
ऋषिकेश तिवारी (जन्म 30 जुलाई 1951) जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम लक्ष्मणस्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती राजकुमारी तिवारी था भाइयों का नाम राकेश तिवारी, प्रेमस्वरूप तिवारी, बसंत कुमार तिवारी एवं बहन का नाम राधा तिवारी है इनकी लंबाई 5 फुट 7 इंच की थी एवं ठोड़ी पर चोट का 1 इंच लंबा निशान था ऋषिकेश नाम का अर्थ जो इंद्रियों को नियंत्रित करता है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई जब लेखक द्वारा इनकी शिक्षण कार्य की जानकारी की गई तो ग्राम की पाठशाला मैं बालक पंजिका अभिलेख मे नाम अंकित है जो के लेखक द्वारा स्वयं पुष्टि की गई है पी0 डी0 जैन इंटर कॉलेज फिरोजावाद उत्तर प्रदेश से हाई स्कूल परीक्षा 1965 में पास की उसके उपरांत 1968 में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से सन 19 नवंबर 1973 दिन सोमवार को इनका विवाह बड़े धूमधाम से श्रीमती जयकरनी धर्मपत्नी पंडित लक्ष्मीनरायन पचौरी की सुपुत्री सुमन पचौरी के साथ निवासी ग्राम कुतकपुर ( जिला फिरोजाबाद ) से संपन्न हुआ इनको तीन पुत्री एवं एक पुत्र प्राप्त हुआ बड़ी पुत्री का नाम प्रभा तिवारी, विभा तिवारी, लता तिवारी, एवं पुत्र का नाम विवेक तिवारी है इनकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के रूप में दिनांक 10 सितंबर 1974 दिन मंगलवार को हुई थी एवं इनका स्थायीकरण 10 सितंबर 1975 दिन बुधवार को हो गया यह शिक्षा विभाग के अंतर्गत जे वी इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा जिला फिरोजाबाद में सरकारी सेवा में कार्यरत थे एवं इनकी धर्मपत्नी भी शिक्षा विभाग के अंतर्गत हुब्बलाल बालिका जूनियर हाईस्कूल अलीनगर केंजरा जिला फिरोजाबाद में शिक्षक के रूप में सरकारी सेवा में कार्यरत थी ऋषिकेश तिवारी की मृत्यु ग्राम के ट्रांसफार्मर पर विद्युत करंट लगने से दिनांक 18 दिसंबर 1983 दिन रविवार को हो गई सभी बच्चों का पालन पोषण धर्मपत्नी द्वारा किया गया
- प्रभा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 19 नवंबर 1992 दिन गुरुवार को रामनारायण उपाध्याय के सुपुत्र श्री शैलेंद्र उपाध्याय मूल निवासी- महावीर नगर जनपद फिरोजाबाद, वर्तमान- निवासी महरोली दिल्ली के साथ संपन्न कर दिया
- विभा तिवारी,(जन्म 5 नवंबर 1976)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह श्री ओम प्रकाश शर्मा के सुपुत्र श्री संजीव कुमार शर्मा निवासी- अतरौली जनपद अलीगढ़ के साथ संपन्न कर दिया
- लता तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद सेअपनी सुपुत्री का विवाह श्री शर्मा के सुपुत्र श्री राजेश शर्मा निवासी तिलक नगर जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- श्रीमती सुमन तिवारी की मृत्यु दिनांक 1 मार्च 1996 दिन शुक्रवार को ग्राम हिरनगाँव मैं हो गई
संदर्भ-
- https://www.geni.com/people/Rishikesh-Tiwari/6000000129355949909
विवेक तिवारी (जन्म 2 अगस्त 1980) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम ऋषिकेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती सुमन तिवारी था विवेक का अर्थ भले बुरे का ज्ञान,समझ (जैसे—विवेक से काम करना)।
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई उसके उपरान्त छटवीं कक्षा से वारहवी तक जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा प्राप्त की वर्ष 2000 में बैचलर ऑफ आर्ट्स से स्नातक एस0 आर0 के0 डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से शिक्षा ग्रहण की एवं स्नातक की उपाधि डॉ0 भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यलय आगरा से प्राप्त की इसके बाद वर्ष 2014 में बी0टी0सी0 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नगला अमान फिरोजाबाद से की 6 अप्रैल 2005 को शिक्षा विभाग में अध्यापक के रूप में नियुक्ति मिली इंदिरा गांधी कन्या जूनियर हाईस्कूल टूंडला जिला फिरोजाबाद मैं शिक्षक के रूप में सरकारी सेवा में कार्यरत है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से 16 नवंबर 2005 को इनका विवाह गीता शर्मा धर्मपत्नी सुरेंद्र शर्मा की सुपुत्री अनीता शर्मा ( जन्म 7 जुलाई 1983) के साथ निवासी सरस्वती नगर जलेसर रोड फिरोजाबाद से सम्पन्न हुआ
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई उसके उपरान्त छटवीं कक्षा से वारहवी तक जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा प्राप्त की वर्ष 2000 में बैचलर ऑफ आर्ट्स से स्नातक एस0 आर0 के0 डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से शिक्षा ग्रहण की एवं स्नातक की उपाधि डॉ0 भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यलय आगरा से प्राप्त की इसके बाद वर्ष 2014 में बी0टी0सी0 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नगला अमान फिरोजाबाद से की 6 अप्रैल 2005 को शिक्षा विभाग में अध्यापक के रूप में नियुक्ति मिली इंदिरा गांधी कन्या जूनियर हाईस्कूल टूंडला जिला फिरोजाबाद मैं शिक्षक के रूप में सरकारी सेवा में कार्यरत है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से 16 नवंबर 2005 को इनका विवाह गीता शर्मा धर्मपत्नी सुरेंद्र शर्मा की सुपुत्री अनीता शर्मा ( जन्म 7 जुलाई 1983) के साथ निवासी सरस्वती नगर जलेसर रोड फिरोजाबाद से सम्पन्न हुआ
पुत्र उत्कर्ष तिवारी का (जन्म 30 जुलाई 2007) को जीवनधारा हॉस्पिटल फिरोजाबाद मैं एवं पुत्री अराध्या तिवारी ( जन्म 28 अगस्त 2013) को शर्मा चिकित्सालय स्वर्गीय पंडित रामजीलाल वैद्य धर्मार्थ वेलफेयर सोसाइटी महावीर नगर फिरोजाबाद में हुआ
राकेश तिवारी (5 अक्टूबर 1953 - 8 सितंबर 2008)- जन्म दिन सोमवार को ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम लक्ष्मणस्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती राजकुमारी तिवारी था भाइयों का नाम ऋषिकेश तिवारी, प्रेमस्वरूप तिवारी, बसंत कुमार तिवारी एवं बहन का नाम राधा तिवारी है राकेश नाम का अर्थ रात के भगवान होता है। रात के भगवान होना बहुत अच्छा माना जाता है और इसकी झलक राकेश नाम के लोगों में भी दिखती है।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई ग्राम की पाठशाला मैं बालक पंजिका अभिलेख मे नाम अंकित है जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद उत्तर प्रदेश से हाई स्कूल परीक्षा 1971 में पास की उसके उपरांत 1973 में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से 30 जून 1975 दिन सोमवार को इनका विवाह ग्राम सोहल्ला पोस्ट प्रतापपुरा आगरा कैंट (जिला आगरा) उत्तर प्रदेश से श्रीमती किशनदेवी शर्मा धर्मपत्नी पंडित आनंद प्रकाश शर्मा सरपंच (गर्ग गोत्र) की सुपुत्री विमला शर्मा के साथ संपन्न हुआ बड़े पुत्र का नाम विक्रांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, रवि कुमार तिवारी, अनुज तिवारी, एवं पुत्री का नाम नीलम तिवारी है
दिनांक 22 जुलाई 1981 से दिनांक 8 सितंबर 2008 तक सरकारी सेवा में कार्यरत रहे इन्होंने आयात कर (चुंगी) विभाग मैं टैक्स कलेक्टर के रूप में कार्य किया उसके उपरांत स्थानीय निकाय उत्तर प्रदेश पालिका (अकेंद्रीयत) राजस्व (अधीनस्थ) सेवा के अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ मैं कर एवं राजस्व निरीक्षक श्रेणी-2 के रूप में कार्यरत रहे
कुछ पत्र जिसके पूर्ण अंश -:
प्रमाणित किया जाता है कि राकेश तिवारी पुत्र श्री लक्ष्मण स्वरूप तिवारी इस पालिका परिषद में दिनांक 22 जुलाई 1981 से टैक्स कलेक्टर के पद पर स्थाई रूप से कार्यरत है यह अत्यंत परिश्रमी कार्य कुशल एवं मेहनती कर्मचारी है
मै इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं
दिनांक 11 नवंबर 1994 (श्रीश दुबे)
नगर मजिस्ट्रेट/ प्रभारी अधिकारी
नगर पालिका परिषद अलीगढ़
प्रमाणित किया जाता है कि श्री राकेश तिवारी राजस्व निरीक्षक द्वितीय नगर निगम अलीगढ़ एक मृदुभाषी, ईमानदार व परिश्रमी कर्मचारी है इनको अपने कार्य का पूर्ण ज्ञान है और अपने कार्य पर पूर्ण नियंत्रण है इन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सदैव अपना उच्च सहयोग प्रदान किया है
मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं इनका कार्य एवं व्यवहार श्रेष्ठ रहा है सत्य निष्ठा प्रमाणित की जाती है
दिनांक 20 अप्रैल 2001 (उदय नरायण तिवारी)
अपर मुख्य नगर अधिकारी
नगर निगम अलीगढ़
एक दिन रात्रि के समय मकान के पीछे खाली जगह थी उस खाली जगह में एक दिन रात्रि के समय dherरपुरा वाली अम्मा शौच करने के लिए आई उसी समय उनको शौच करते समय किसी महिला ने धक्का मार दिया जब उनके द्वारा देखा गया कि कोई भी महिला मेरे आस पास नहीं है फिर भी मुझे कौन धक्का मार रहा है उनको उस महिला ने दो-तीन बार धक्का मारा जिससे उनके चोट लग गई क्योंकि धक्का लगने से वह जमीन पर गिर गई थी और तभी वह राधे तिवारी बचाओ राधे तिवारी बचाओ कहकर रात्रि को अपनी सहायता के लिए पुकारने लगी जब यह घटना घटित हो गई उसके बाद उनके द्वारा इस घटना का जिक्र सुबह घर पर आकर किया गया यह घटना किसी अदृश्य शक्ति से जोड़कर देखी गई और ऐसा महसूस किया गया कि किसी अदृश्य शक्ति ने घर पर सुरक्षा कवच बनाया हुआ है
- नीलम तिवारी-( 10 अक्टूबर 1982) परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 18 अप्रैल 2008 को श्रीमती सत्यवती देवी धर्मपत्नी श्री रामखिलाड़ी शर्मा के सुपुत्र श्री अजय शर्मा मूल निवासी- ग्राम जारऊ सादाबाद, वर्तमान निवासी- निकोलस-1 फ्लैट नंबर 501 सुपरटेक सीजार ओमीक्रोन फर्स्ट ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
यह अपने हार्ड का ऑपरेशन करा कर ग्राम में आए हुए थे तभी एक दिन रात्रि को एक घटना घटित हुई यह अपने घर के बैठक में चारपाई पर सो रहे थे आधी रात्रि को इनकी चारपाई के चारों तरफ एक लैंप जलती हुई चक्कर लगाने लगी इनकी माताजी पास में (दुकानी) मैं बैठक के बाहर सो रही थी रात्रि के समय इनकी माताजी की आंख खुल गई आंख खुलने के बाद इनकी माताजी ने जलती हुई लैंप को चलता हुआ देखा तभी इनकी माता जी द्वारा आवाज लगाई कि कौन लैंप लेकर घूम रहा है वह समझ रही थी कि इनकी पुत्री नीलम तिवारी पढ़ाई के लिए जगी हुई है और लैंप लेकर समय देखने बैठक में आई हुई है क्योंकि बैठक में घड़ी लगी हुई थी जब यह घटना सुबह उठकर सभी घर वालों को बताई गई और नीलम तिवारी से पूछा गया कि आप रात्रि को लैंप लेकर बैठक में घूम रही थी तब इनकी पुत्री ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि मैं नहीं थी मैं तो सो रही थी यह घटना किसी अदृश्य शक्ति से जोड़कर देखी गई और कैसा महसूस किया गया कि किसी अदृश्य शक्ति ने घर पर सुरक्षा कवच बनाया हुआ है
नगर निगम अलीगढ़ में कार्यरत रहते हुए पंडित राकेश तिवारी की मृत्यु 54 वर्ष की उम्र में दिनांक 8 सितंबर 2008 दिन सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स (AIIMS) नई दिल्ली हॉस्पिटल में हो गई पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से इनका दाह संस्कार इनकी जन्म भूमि ग्राम हिरनगाँव जिला फ़िरोज़ाबाद में हुआ ।
पिता द्वारा पुत्र को समर्पित शब्द-
मेरे कंधे पर बेटा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया
मुझसे कहने लगा देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया,बेटा इस खूबसूरत गलतफहमी में भले ही जकड़े रहनामगर मेरा हाथ पकड़े रहना,जिस दिन यह हाथ छूट जाएगाबेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा,दुनिया वास्तव में इतनी हसीन नहीं हैदेख तेरे पांव तले अभी जमीन नहीं है,मैं तो बाप हूं तेरा बहुत खुश हो जाऊंगाजिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा,मगर बेटे कंधे पर नहीं जब तू जमीन पर खड़ा हो जाएगायह बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगाऔर तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा I
10 वीं पुण्यतिथि पर लिखा गया पत्र-
प्रिय पिताजी दिनांक 7 सितंबर 2018
सादर चरण स्पर्श
आज आपको वैष्णव धाम गए हुए ठीक 10 साल हो गए हैं कल शाम से आपकी यादों का ज्वार भाटा न जाने क्यों दिल ओ दिमाग को उत्तेजित करने लगा फिर मैंने सोचा क्यों ना एक पत्र लिखकर आप से बातें करूं जो शायद आप के जीवित रहते हुए ना कर सका जिसका आज भी दुख है जो एक दूरी हमारे रिश्ता में थी वह मैं आज तक नहीं समझ पाया की वह एक सम्मान बस या अनुशासन बस पिता पुत्र का रिश्ता था जिसमें पिता पुत्र आपस में विरोध नहीं करते मगर हृदय में प्यार करते हैं यहां पिछले 10 साल में बहुत कुछ बदल गया है आप जब गए थे तब यूपीए सरकार थी अब एनडीए है माफ करना पहली बार विनोद करने का मन किया शो दृष्टता कर बैठा जो आज तक ना कर पाया था परिवार में कई नए सदस्य आ गए हैं कई बच्चों की शादियां हो चुकी है नई बहूय नया भाग्य लेकर परिवार में आई हैं कई पोती पोतिया उधम मचाते हुए खेलते हैं उन्होंने साक्षात तो आपके दर्शन नहीं किए हैं मगर आपके फोटो को पहचानते हैं गांव में पुराना कमरा इस बारिश में गिर गया है और मोहल्ला भी अब सूना सूना हो गया है समय के साथ सामाजिक नैतिक मूल्यों में भी परिवर्तन हुआ है जिसकी दरार साफ देखी जा सकती हैं शायद परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है खैर आप सुनाओ अम्मा कैसी हैं क्या अभी भी वहां बाबा के साथ असहमति रहती है छोटे बाबा भी पहुंच गए होंगे बाबा के सामने बैठते हैं क्या ? बुर्जबाजी वाले बाबा से बाबा की भेंट हुई क्या वह बोल कर निकले थे कि समधी जी से मुलाकात करनी है आप सब लोगों की कमी परिवार में बहुत खलती है थोड़ा अनुशासन बिगड़ गया है वैसे हम जानते हैं कि आप सब अभी भी सर्वत्र विराजमान हो जो अपने आशीर्वाद से मार्गदर्शन करते रहते हो आप सब से हक पूर्वक विनम्र निवेदन है कि अपनी नजर एवं आशीर्वाद बनाए रखना जिससे सब की बुद्धि एवं भाग्य सही चलें पुत्र
12 वीं पुण्यतिथि पर लिखा गया पत्र --
सादर चरण स्पर्श
आज आपको वैष्णव धाम गए हुए ठीक 10 साल हो गए हैं कल शाम से आपकी यादों का ज्वार भाटा न जाने क्यों दिल ओ दिमाग को उत्तेजित करने लगा फिर मैंने सोचा क्यों ना एक पत्र लिखकर आप से बातें करूं जो शायद आप के जीवित रहते हुए ना कर सका जिसका आज भी दुख है जो एक दूरी हमारे रिश्ता में थी वह मैं आज तक नहीं समझ पाया की वह एक सम्मान बस या अनुशासन बस पिता पुत्र का रिश्ता था जिसमें पिता पुत्र आपस में विरोध नहीं करते मगर हृदय में प्यार करते हैं यहां पिछले 10 साल में बहुत कुछ बदल गया है आप जब गए थे तब यूपीए सरकार थी अब एनडीए है माफ करना पहली बार विनोद करने का मन किया शो दृष्टता कर बैठा जो आज तक ना कर पाया था परिवार में कई नए सदस्य आ गए हैं कई बच्चों की शादियां हो चुकी है नई बहूय नया भाग्य लेकर परिवार में आई हैं कई पोती पोतिया उधम मचाते हुए खेलते हैं उन्होंने साक्षात तो आपके दर्शन नहीं किए हैं मगर आपके फोटो को पहचानते हैं गांव में पुराना कमरा इस बारिश में गिर गया है और मोहल्ला भी अब सूना सूना हो गया है समय के साथ सामाजिक नैतिक मूल्यों में भी परिवर्तन हुआ है जिसकी दरार साफ देखी जा सकती हैं शायद परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है खैर आप सुनाओ अम्मा कैसी हैं क्या अभी भी वहां बाबा के साथ असहमति रहती है छोटे बाबा भी पहुंच गए होंगे बाबा के सामने बैठते हैं क्या ? बुर्जबाजी वाले बाबा से बाबा की भेंट हुई क्या वह बोल कर निकले थे कि समधी जी से मुलाकात करनी है आप सब लोगों की कमी परिवार में बहुत खलती है थोड़ा अनुशासन बिगड़ गया है वैसे हम जानते हैं कि आप सब अभी भी सर्वत्र विराजमान हो जो अपने आशीर्वाद से मार्गदर्शन करते रहते हो आप सब से हक पूर्वक विनम्र निवेदन है कि अपनी नजर एवं आशीर्वाद बनाए रखना जिससे सब की बुद्धि एवं भाग्य सही चलें पुत्र
12 वीं पुण्यतिथि पर लिखा गया पत्र --
दिनांक 8 सितंबर 2020
( दिन-मंगलवार )
पिताजी
सादर चरण स्पर्श
आज सुबह से ही जाने क्यों मेरा मन उदास सा लग रहा था कहीं ना कहीं किसी की यादों का ज्वारभाटा मेरे मन में फट रहा था समझ नहीं आ रहा था आखिर आज ऐसा क्या है जिसके कारणवश मेरा मन इतना विचलित हुए जा रहा है आखिर में पता चला आज पूज्यनीय पिताजी की 12 वीं पुण्यतिथि है !! तो सोचा क्यों ना कुछ लिख कर बात की जाए !!
आज मेरा मन सुबह से ही विचलत सा था पता नहीं क्यों लेकिन कहीं ना कहीं ये आपके कारणवश हैं आज के दिन ही आप हमको छोड़ कर स्वर्गवासी हो गए थे आज आपको स्वर्गलोक गए हुए पूरे १२ साल हो गए है लेकिन आज तक आपका प्यार और आशीर्वाद हमारे साथ है
आपके जाने के बाद सारी जिम्मेदारी का भार बखूबी बड़े भैया ने निभाया है जैसे ए धागा मोतियों को पिरोह कर माला बनाता बखूबी वैसे ही घर को एक धागा में पिरोह कर रखा है " सच कहें तो आपके ना होने की कभी कमी महसूस ही ना होने दी आप हमारे लिए बस आप आपने सबसे बड़ी दौलत के रूप में जो हमें संस्कार और आदर्श दिये है वो दुनिया की सबसे बड़ी दौलत दी है ...आप हमारी यादों ओर दिल की गहराइयों में सदा सदा ऐसे है बने रहेंगे !!
पिताश्री की 12 वी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन 😭🙏🙏
पुत्र
अनुज तिवारी
संदर्भ-
- 13 अप्रैल 2021 को "क्राइम मेल राष्ट्रीय समाचार पत्र" अलीगढ़ ने "राजस्व ग्राम हिरनगांव निवासी पंडित राकेश तिवारी का जीवन परिचय" शीर्षक लेख छापा
- https://www.geni.com/people/pandit-Rakesh-Tiwari/6000000128809831982
विमला राकेश तिवारी (1 जनवरी 1959)- जन्म उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जिला आगरा में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम आनंद प्रकाश शर्मा व माता का नाम श्रीमती किशन देवी शर्मा था यह तीन भाई एवं एक बहन है बहन का नाम पुष्पा शर्मा एवं भाइयों का नाम शीतल प्रसाद शर्मा, मुन्नी शर्मा, ध्रुव कुमार शर्मा है माता पिता द्वारा जन्म के बाद इनका नाम विमला शर्मा रख दिया विमला नाम का अर्थ, शुद्ध स्वच्छ, पवित्र, सफेद, चमकदार है
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा ग्राम की ही प्राथमिक पाठशाला ग्राम सोहल्ला पोस्ट प्रतापपुरा आगरा कैंट (जिला आगरा) उत्तर प्रदेश से प्राप्त की,
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से 30 जून 1975 दिन सोमवार को इनका विवाह श्री राकेश तिवारी सुपुत्र पंडित लक्ष्मण स्वरूप तिवारी निवासी- ग्राम व पोस्ट हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न हुआ,
पुत्रों का का नाम विक्रांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, रवि कुमार तिवारी, अनुज तिवारी, एवं पुत्री का नाम नीलम तिवारी है इनके परम पूज्यनीय पति नगर निगम अलीगढ़ में कर एवं राजस्व निरीक्षक श्रेणी- 2 के पद पर सरकारी सेवा में कार्यरत थे नगर निगम अलीगढ़ में कार्यरत रहते हुए इनके पति पंडित राकेश तिवारी की मृत्यु 54 वर्ष की उम्र में दिनांक 8 सितंबर 2008 दिन सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स (AIIMS) नई दिल्ली हॉस्पिटल में हो गई पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से पति का अंतिम दाह संस्कार पति की जन्म भूमि ग्राम हिरनगाँव जिला फ़िरोज़ाबाद में हुआ ।
श्रीमती विमला तिवारी द्वारा अपनी स्वयं की हाथ की हड्डी (बाएं हाथ का पोछा / हड्डी टूट गई) से संबंधित शल्य चिकित्सा हेतु दिनांक 30 /10/ 2020 से 8 /12/ 2020 तक डॉ सुमित सिंघल डॉक्टर केo सीo सिंघल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर क्वारसी रामघाट रोड अलीगढ़ मैं उपचार करवाया गया इसके उपरांत इन्होंने अपनी स्वयं की आंख से संबंधित शल्य चिकित्सा (आंख का ऑपरेशन) दिनांक 11 जनवरी 2021 से 13 जनवरी 2021 तक डॉक्टर अमित गुप्ता डॉक्टर मोहन लाल मेमोरियल गांधी आई हॉस्पिटल रामघाट रोड अलीगढ़ में करवाया
संदर्भ-
- 15मई 2022 को "क्राइम मेल राष्ट्रीय समाचार पत्र" अलीगढ़ ने "मातृ दिवस (मदर्स डे) पर मातृशक्ति श्रीमती विमला तिवारी की जीवनी" शीर्षक लेख छापा
( बबीता तिवारी धर्मपत्नी विक्रांत तिवारी)
विक्रांत तिवारी (जन्म 18 जुलाई 1980)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम राकेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती विमला तिवारी है भाइयों का नाम प्रशांत तिवारी, रवि कुमार तिवारी, अनुज तिवारी, है विक्रांत नाम का अर्थ, शक्तिशाली, योद्धा, बहादुर, विजयी होता है और इस अर्थ का प्रभाव विक्रांत नाम के व्यक्ति के स्वभाव में भी दिखने लगता है।
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई उसके उपरान्त छटवीं कक्षा से वारहवी तक जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजवाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की वर्ष 2000 में स्नातक उपाधि एव वर्ष 2005 में पॉलिटिकल साइंस से स्नातकोत्तर की पढ़ाई एसआरके डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से की एवं उपाधि डॉ0 भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यलय आगरा से प्राप्त की स्नातक की पढ़ाई के साथ-साथ एन सी सी मैं भी भाग लिया सी श्रेणी का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के बाद टूरिज्म मैं 1 वर्ष का डिप्लोमा जयपुर राजस्थान से किया डिप्लोमा करने के बाद यह नौकरी की तलाश करने लगे कुछ समय बाद इनको सतगुरु टूर एंड ट्रेवल्स गुड़गांव हरियाणा में नौकरी मिल गई
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से दिनांक 27 जनवरी 2012 को इनका विवाह श्रीमती कांता शर्मा धर्मपत्नी पंडित गोविंदशरण शर्मा की सुपुत्री बबीता शर्मा ( जन्म 10 मई )निवासी लक्ष्मी नगर नई दिल्ली से संपन्न हुआ इनके यहाँ एक पुत्री एवं एक पुत्र का जन्म हुआ बड़ी पुत्री स्तुति (चेरिश) तिवारी ने जन्म दिनांक 4 मार्च 2013 को लोकनायक हॉस्पिटल दिल्ली में लिया एवं पुत्र ने जन्म दिनांक 12 अक्टूबर 2017 को लोकनायक हॉस्पिटल दिल्ली में लिया पुत्र का नाम अभिराम (राम) तिवारी है विक्रांत तिवारी द्वारा की गई यात्राएं ---
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई उसके उपरान्त छटवीं कक्षा से वारहवी तक जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजवाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की वर्ष 2000 में स्नातक उपाधि एव वर्ष 2005 में पॉलिटिकल साइंस से स्नातकोत्तर की पढ़ाई एसआरके डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से की एवं उपाधि डॉ0 भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यलय आगरा से प्राप्त की स्नातक की पढ़ाई के साथ-साथ एन सी सी मैं भी भाग लिया सी श्रेणी का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के बाद टूरिज्म मैं 1 वर्ष का डिप्लोमा जयपुर राजस्थान से किया डिप्लोमा करने के बाद यह नौकरी की तलाश करने लगे कुछ समय बाद इनको सतगुरु टूर एंड ट्रेवल्स गुड़गांव हरियाणा में नौकरी मिल गई
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से दिनांक 27 जनवरी 2012 को इनका विवाह श्रीमती कांता शर्मा धर्मपत्नी पंडित गोविंदशरण शर्मा की सुपुत्री बबीता शर्मा ( जन्म 10 मई )निवासी लक्ष्मी नगर नई दिल्ली से संपन्न हुआ इनके यहाँ एक पुत्री एवं एक पुत्र का जन्म हुआ बड़ी पुत्री स्तुति (चेरिश) तिवारी ने जन्म दिनांक 4 मार्च 2013 को लोकनायक हॉस्पिटल दिल्ली में लिया एवं पुत्र ने जन्म दिनांक 12 अक्टूबर 2017 को लोकनायक हॉस्पिटल दिल्ली में लिया पुत्र का नाम अभिराम (राम) तिवारी है विक्रांत तिवारी द्वारा की गई यात्राएं ---
- अप्रैल 2017 को हिंदुस्तान से दुबई गए
- मई 2017 को हिंदुस्तान से दक्षिण अफ्रीका गये
- मार्च 2019 को हिंदुस्तान से यूरोप एवं अन्य देशों की यात्रा की
- मार्च 2019 को फ्रांस से स्विट्जरलैंड की यात्रा की
(श्रीमती शालिनी तिवारी पत्नी प्रशांत तिवारी )
प्रशांत तिवारी (जन्म 20 मई 1985)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम राकेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती विमला तिवारी है भाइयों का नाम विक्रांत तिवारी, रवि कुमार तिवारी, अनुज तिवारी, है पूजनीय माता पिता द्वारा जन्म के कुछ वर्षों उपरांत सहनशीलता एवं गंभीरता के स्वभाव को देखते हुए प्रशांत महासागर की तुलना अपने मन में बसाए हुए नाम प्रशांत तिवारी रख दिया प्रशांत नाम का अर्थ, अत्यधिक शांत, स्थिर, निश्चल एवं शांत वृत्तिवाला है
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की उसके उपरान्त वर्ष 2001 की हाई स्कूल परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ़ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन यूपी के अधीन जे0 बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद में व वर्ष 2003 की इंटरमीडिएट परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (बोर्ड ऑफ़ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन यूपी) के अधीन जे0 बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश से पास की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में वर्ष 2003 से 2005 तक कार्य किया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (पूर्ववर्ती आगरा विश्वविद्यालय आगरा) से वर्ष 2006 की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा बैचलर ऑफ कॉमर्स (त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम) की उपाधि प्राप्त की एवं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (पूर्ववर्ती आगरा विश्वविद्यालय आगरा) से वर्ष 2008 की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की व्यवसायिक प्रशासन ग्रुप लेकर मास्टर ऑफ कॉमर्स की उपाधि प्राप्त की (एस आर के डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की) एव वर्ष 2012 में आल इण्डिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट नई दिल्ली से ( लोकल सेल्फ गवर्नमेंट में डिप्लोमा ) प्राप्त किया
प्रशांत तिवारी सरकारी सेवा में कार्यरत है की नियुक्ति 16 जनवरी 2009 दिन शुक्रवार एवं ज्योंनिंग दिनांक 17 जनवरी 2009 दिन शनिवार को स्थानीय निकाय उत्तर प्रदेश पालिका (अकेंद्रीयत) राजस्व (अधीनस्थ) सेवा के अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ मैं कर एवं राजस्व निरीक्षक श्रेणी-2 के पद पर नगर निगम अलीगढ़ (नागर स्थानीय निकाय) में हुई सर्वप्रथम निर्माण विभाग में जॉइनिंग मिली परंतु निर्माण विभाग में एक भी दिन कार्य नहीं किया निर्माण विभाग में जॉइनिंग देने के बाद लाइसेंस विभाग में कार्य किया लाइसेंस विभाग में कार्यरत मसर्रत हुसैन कर्मचारी द्वारा कार्य को सिखाया और बहुत सहयोग किया गया मैं इनके सहयोग के लिए सदा आभारी रहूंगा जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है यह सत्य का साथ देने वाले एवं ईमानदार कर्मचारी थे सेवानिवृत्त होने के कुछ समय बाद इनका देहांत हो गया जब मुझे सूचना मिली तो मैं उनके घर पर गया परंतु दुर्भाग्यवश मुझे उनके जनाजे में जाने का मौका नहीं मिला अंतिम समय पर उनके जनाजे में नहीं जा पाया इसका दुख मुझे जीवन भर रहेगा वर्ष 2018 में अनुज्ञप्ति विभाग के कार्य के साथ-साथ नगर पथ विक्रय समिति नगर निगम अलीगढ़ का कार्य भी सौंप दिया
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की उसके उपरान्त वर्ष 2001 की हाई स्कूल परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ़ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन यूपी के अधीन जे0 बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद में व वर्ष 2003 की इंटरमीडिएट परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (बोर्ड ऑफ़ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन यूपी) के अधीन जे0 बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश से पास की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के रूप में वर्ष 2003 से 2005 तक कार्य किया डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (पूर्ववर्ती आगरा विश्वविद्यालय आगरा) से वर्ष 2006 की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा बैचलर ऑफ कॉमर्स (त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम) की उपाधि प्राप्त की एवं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (पूर्ववर्ती आगरा विश्वविद्यालय आगरा) से वर्ष 2008 की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की व्यवसायिक प्रशासन ग्रुप लेकर मास्टर ऑफ कॉमर्स की उपाधि प्राप्त की (एस आर के डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की) एव वर्ष 2012 में आल इण्डिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट नई दिल्ली से ( लोकल सेल्फ गवर्नमेंट में डिप्लोमा ) प्राप्त किया
प्रशांत तिवारी सरकारी सेवा में कार्यरत है की नियुक्ति 16 जनवरी 2009 दिन शुक्रवार एवं ज्योंनिंग दिनांक 17 जनवरी 2009 दिन शनिवार को स्थानीय निकाय उत्तर प्रदेश पालिका (अकेंद्रीयत) राजस्व (अधीनस्थ) सेवा के अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ मैं कर एवं राजस्व निरीक्षक श्रेणी-2 के पद पर नगर निगम अलीगढ़ (नागर स्थानीय निकाय) में हुई सर्वप्रथम निर्माण विभाग में जॉइनिंग मिली परंतु निर्माण विभाग में एक भी दिन कार्य नहीं किया निर्माण विभाग में जॉइनिंग देने के बाद लाइसेंस विभाग में कार्य किया लाइसेंस विभाग में कार्यरत मसर्रत हुसैन कर्मचारी द्वारा कार्य को सिखाया और बहुत सहयोग किया गया मैं इनके सहयोग के लिए सदा आभारी रहूंगा जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है यह सत्य का साथ देने वाले एवं ईमानदार कर्मचारी थे सेवानिवृत्त होने के कुछ समय बाद इनका देहांत हो गया जब मुझे सूचना मिली तो मैं उनके घर पर गया परंतु दुर्भाग्यवश मुझे उनके जनाजे में जाने का मौका नहीं मिला अंतिम समय पर उनके जनाजे में नहीं जा पाया इसका दुख मुझे जीवन भर रहेगा वर्ष 2018 में अनुज्ञप्ति विभाग के कार्य के साथ-साथ नगर पथ विक्रय समिति नगर निगम अलीगढ़ का कार्य भी सौंप दिया
प्रधानमंत्री स्व० निधि योजना, अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ द्वारा उत्कृष्ट कार्य प्रशंसा से किया सम्मानित
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर मोहम्मद फुरकान महापौर (मेयर), गौरांग राठी नगर आयुक्त (आई०ए०एस०), द्वारा सेवा भवन सभागार अलीगढ़ नगर निगम मैं आजादी का अमृत महोत्सव के 75 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर दिनांक 2 अक्टूबर 2021 को, "श्री प्रशांत तिवारी कर एवं राजस्व निरीक्षक श्रेणी-2, नोडल कार्मिक, भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना एवं उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में से एक प्रधानमंत्री स्व० निधि योजना, अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु नगर निगम अलीगढ़ द्वारा भूरी भूरी प्रशंसा की गई एवं उज्जवल भविष्य की कामना सहित उत्कृष्ट कार्य प्रशंसा प्रमाण पत्र देते हुए सम्मानित किया गया
प्रधानमंत्री स्व० निधि योजना अंतर्गत, उत्कृष्ट कार्य प्रशंसा प्रमाण पत्र |
मोहम्मद फुरकान महापौर,गौरांग राठी नगर आयुक्त (आई०ए०एस०), द्वारा उत्कृष्ट कार्य प्रशंसा प्रमाण पत्र |
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से दिनांक 8 दिसंबर 2015 दिन मंगलवार को बड़े हर्षोल्लास से इनका विवाह श्रीमती मंजू उपाध्याय धर्मपत्नी श्री सुमन कुमार उपाध्याय निवासी तहसील ठाकुरद्वारा के अंतर्गत वाटिका पैलेस कॉलोनी जिला मुरादाबाद मूलनिवासी ग्राम कानऊ जिला हाथरस की सुपुत्री शालिनी उपाध्याय (जन्म 14 नवंबर 1990) के साथ संपन्न हुआ
प्रशांत तिवारी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसका नामकरण पंडितों द्वारा (पंडित तेजसिंह तिवारी जन्मपत्री नाम) किया गया नामकरण के समय पंडितो द्वारा कहा गया कि आप के कुल में आपके पूर्वज के नाम के रूप में पुनः जन्म लिया है माता पिता द्वारा प्यार से अपने पुत्र का नाम अपनी कुलदेवी माता पार्वती के पिता के नाम पर दक्ष तिवारी (जन्म 7 सितंबर 2016) रख दिया दक्ष तिवारी द्वारा अपने जीवन की सर्वप्रथम पिक्चर बाहुबली वाड्रा सिनेमा बारहद्वारी अलीगढ़ मैं ब्लैक मैं टिकट लेकर अपनेे माता पिता व मामा के साथ देखी थी
हिंदुस्तान के अंदर कई यात्राएं की
हिंदुस्तान के अंदर कई यात्राएं की
- हवा महल जयपुर (राजस्थान)
- कुतुब मीनार, हिमायू का मकबरा, जंतर मंतर (दिल्ली)
- काली मंदिर, दक्षिणेश्वर मंदिर, बेलूर मठ, तारामंडल, विक्टोरिया हाउस, साइंस सिटी, गंगासागर कोलकाता( पश्चिम बंगाल)
- कुल्लू हिडिंबा मंदिर, सोलंग घाटी, मणिकरण, नागर किला, मनाली (हिमाचल प्रदेश)
- कैचीधाम, घोड़ाखाल मंदिर,भीमताल,नैनीताल, जागेश्वर मंदिर अल्मोड़ा, पाताल भुवनेश्वर पिथौरागढ़, मनसादेवी मंदिर, चंडीदेवी मंदिर, शांतिकुंज हरिद्वार, सती जन्म स्थान (कनखल) ऋषिकेश, हनुमान धाम, गिरजा मंदिर(उत्तराखंड)
- वैष्णो देवी , रघुनाथ मंदिर (जम्मू कश्मीर)
- मथुरा ,वृंदावन ,बरसाना, गोकुल ,नंदगांव ,गोवर्धन, आगरा वाराणसी (काशी), रामपुर, सारनाथ (उत्तर प्रदेश)
- सीता गुफा, पंचवटी , कालेराम मंदिर, गोरे राम मंदिर, लक्ष्मण मंदिर नासिक, शिरडी, सनी शिंगनापुर, त्रंबकेश्वर, एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद (महाराष्ट्र
संदर्भ-
- 04 अप्रैल 2021 को "क्राइम मेल राष्ट्रीय समाचार पत्र" अलीगढ़ ने " प्रधानमंत्री स्व० निधि योजना, अंतर्गत नगर निगम अलीगढ़ द्वारा उत्कृष्ट कार्य प्रशांत तिवारी किया सम्मानित" शीर्षक लेख छापा
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा कान्वेंट पब्लिक स्कूल ठाकुरद्वारा जिला मुरादाबाद से प्राप्त की उसके उपरान्त हाईस्कूल परीक्षा 2004 में एस0 जी0 जी0 आई0 सी0 ठाकुरद्वारा मुरादाबाद से पास की व इंटरमीडिएट की परीक्षा 2006 में एस एस आर एस इण्टर कालेज गढ़ओला हाथरस उत्तर प्रदेश से पास की वर्ष 20 में वेचलर ऑफ़ आर्ट्स कला स्नातक महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अधीन भगवंत सिंह महाविद्यालय कुआंखेड़ा खालसा मुरादाबाद से स्नातक उपाधि एव महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय की विद्या परिषद की अनुशंसा पर इनको मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की उपाधि प्रथम श्रेणी में इनके द्वारा इस उपाधि की अवाप्ति हेतु विश्वविद्यालय द्वारा विहित अपेक्षाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने पर एतद्द्वारा सन 2012 में प्रदान की गई
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह प्रशांत तिवारी के साथ दिनांक 8 दिसंबर 2015 को संपन्न हो गया
रवि कुमार तिवारी (जन्म 15 अक्टूबर 1987)- का जन्म दिन बृहस्पतिवार को ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम राकेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती विमला तिवारी है भाइयों का नाम विक्रांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, अनुज तिवारी, है रवि नाम का अर्थ , खुश, संतुष्ट, आशा, उम्मीद, विश, सूर्य, विशेषज्ञ या कुशल, होता है। खुश, संतुष्ट, आशा, उम्मीद, विश, सूर्य, विशेषज्ञ या कुशल, होने के कारण रवि नाम बहुत सुंदर बन जाता है।
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई 2004 में हाई स्कूल की जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद 2006 में इंटरमीडिएट पंडित मुंशी महाराज इंटर कॉलेज फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की वर्ष 2011 में आगरा कॉलेज आगरा से शिक्षा प्राप्त की एवं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से स्नातक की उपाधि ग्रहण की 20 में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एम0बी0ए0) में डिग्री प्राप्त की
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की गई 2004 में हाई स्कूल की जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद 2006 में इंटरमीडिएट पंडित मुंशी महाराज इंटर कॉलेज फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश से शिक्षा ग्रहण की वर्ष 2011 में आगरा कॉलेज आगरा से शिक्षा प्राप्त की एवं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से स्नातक की उपाधि ग्रहण की 20 में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एम0बी0ए0) में डिग्री प्राप्त की
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली में 6 महीने कार्य किया उसके उपरांत बिलासिया टूर एंड ट्रैवल कंपनी ग्रेटर नोएडा में 7 महीने कार्य किया इसके बाद गौतम बिल्डर के यहां सुपरवाइजर के रूप में कार्य किया और प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया में कुछ महीने कार्य किया इसके उपरांत ई0 एम0 विद्या एजुकेशन ग्रेटर नोएडा में कार्य किया
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र |
पत्र संख्या जी- 192/CM-2/2020
लोक भवन लखनऊ दिनांक 31 जनवरी 2020
प्रिय श्रीमती विमला तिवारी जी
चि0 रवि एवं आयु0 पूजा के शुभ विवाह का निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ एतदर्थ हार्दिक धन्यवाद
नव दंपत्ति का दामपत्य जीवन सुयशस्वी दीर्घ एवं परम मंगलमय हो यही कामना है चि0 रवि एवं पूजा को इस अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं एवं आप सबको बहुत-बहुत बधाई
आपका
योगी आदित्यनाथ
मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश
प्रधानमंत्री भारत सरकार माननीय नरेंद्र मोदी जी द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र
संदर्भ-
- योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं के पत्र संख्या- जी-192/CM-2/2020 लोक भवन लखनऊ दिनांक 31 जनवरी 2020
- प्रधानमंत्री भारत सरकार माननीय नरेंद्र मोदी जी द्वारा भेजी गई शुभ विवाह की शुभकामनाएं पत्र माघ 15, शक संवत् 1941, 4 फरवरी 2020
(अनुज तिवारी पुत्र श्री राकेश तिवारी)
अनुज तिवारी (जन्म 10 सितंबर 1997)- का जन्म दिन बुधवार को उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, पिता का नाम राकेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती विमला तिवारी है भाइयों का नाम विक्रांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, रवि कुमार तिवारी, है
पाँचवी कक्षा तक शिक्षा हिरनगाँव के प्राथमिक पाठशाला से प्राप्त की वर्ष 2013 मैं हाई स्कूल व वर्ष 2015 में वारहवी की परीक्षा ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज फिरोजाबाद से पास किया
3 अक्टूबर 2019 को हिंदुस्तान के दिल्ली एयरपोर्ट से इस्तानबुल एयरपोर्ट तुर्की देश हवाई जहाज से पहुंचे तुर्की देश पहुंचने के कुछ घंटों बाद तुर्की देश से पश्चिम अफ़्रीका में स्थित बेनिन देश की यात्रा की बेनिन एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इनको कंपनी की गाड़ी लेने आई जिसमें अफ्रीकन ड्राइवर था ड्राइवर ने इन से इनका नाम पूछा और इन्होंने अपना नाम उसको बता दिया वह इनको लेकर फ्लैट में आ गया यह एक रात उस कंपनी के फ्लैट में ही सोए दूसरे दिन सुबह उठकर यह कंपनी के ऑफिस में पहुंचे और शाम को कंपनी के मैनेजर द्वारा इनको टोगो देश की राजधानी लोम ले जाया गया
3 अक्टूबर 2019 को हिंदुस्तान के दिल्ली एयरपोर्ट से इस्तानबुल एयरपोर्ट तुर्की देश हवाई जहाज से पहुंचे तुर्की देश पहुंचने के कुछ घंटों बाद तुर्की देश से पश्चिम अफ़्रीका में स्थित बेनिन देश की यात्रा की बेनिन एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इनको कंपनी की गाड़ी लेने आई जिसमें अफ्रीकन ड्राइवर था ड्राइवर ने इन से इनका नाम पूछा और इन्होंने अपना नाम उसको बता दिया वह इनको लेकर फ्लैट में आ गया यह एक रात उस कंपनी के फ्लैट में ही सोए दूसरे दिन सुबह उठकर यह कंपनी के ऑफिस में पहुंचे और शाम को कंपनी के मैनेजर द्वारा इनको टोगो देश की राजधानी लोम ले जाया गया
यह 8 जून 2022 को टोगो देश से चलकर अपने देश इंडिया मैं 9 जून 2022 को वापस आ गए यह नई दिल्ली हवाई जहाज से उतरे 19 जुलाई 2022 को यह इंडिया से दोबारा टोगो देश वापस चले गए
( मीना तिवारी धर्मपत्नी प्रेम स्वरूप तिवारी )
प्रेम स्वरूप तिवारी (जन्म 30 सितंबर 1955)- दिन शुक्रवार को ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम लक्ष्मणस्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती राजकुमारी तिवारी था भाइयों का नाम ऋषिकेश तिवारी, राकेश तिवारी, बसंत कुमार तिवारी एवं बहन का नाम राधा तिवारी है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई ग्राम की पाठशाला मैं बालक पंजिका अभिलेख मे नाम अंकित है एस0आर0के0 डिग्री कॉलेज जिला फिरोजाबाद से वर्ष 1975 में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की एवं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक की उपाधि प्राप्त की इसके उपरांत बैचलर ऑफ एजुकेशन( बी0एड0 ) की डिग्री प्राप्त की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से सन 1980 में इनका विवाह श्रीमती शिवदेवी धर्मपत्नी पंडित प्रेमदत्त रावत की सुपुत्री मीना रावत के साथ ग्राम अजीजपुर डाकखाना धनौली (जिला आगरा) उत्तर प्रदेश से संपन्न हुआ
इन्होंने सहायक अध्यापक के रूप में राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंडावरी तहसील लालसोट पोस्ट मंडावरी जिला- दौसा राजस्थान, शिक्षा विभाग में राजस्थान सरकार के अंतर्गत अपनी सेवाएं प्रदान की तथा जिला दौसा के अंतर्गत अपना निवास स्थान भी बना लिया बड़े पुत्र का नाम मनोज तिवारी, मनीष तिवारी, मयंक तिवारी,है
( श्रीमती अंजू तिवारी धर्मपत्नी मनोज तिवारी )
मनोज तिवारी (जन्म 9 अक्टूबर) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम प्रेम स्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती मीना तिवारी है भाइयों का नाम मनीष तिवारी, मयंक तिवारी,है मनोज नाम का मतलब प्यार, मन में उत्पन्न होकर, मन की जन्मे होता है।
इन्होंने वर्ष 1998 मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष 2000 में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, वर्ष 2006 में इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( आई0 ई0 टी0 ) अलवर से बीटेक आई0टी0 में डिग्री प्राप्त की
शिक्षा प्राप्त करने के बाद यह नौकरी की तलाश करने लगे कुछ समय बाद इनको दिसंबर 2006 में टूलिप टेलीकॉम दिल्ली में नौकरी मिल गई कुछ वर्षों तक यह नौकरी करते रहे इसके बाद इन्होंने यह नौकरी छोड़ दी नौकरी छोड़ने के बाद इन्होंने मई 2011 से अक्टूबर 2012 तक एच0सी0एल0 टेक्नोलॉजी नोएडा मैं नौकरी करने लगे एवं नवंबर 2012 से फाइजर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 20 नवंबर 2010 दिन शनिवार को श्रीमती गीता शर्मा धर्मपत्नी बासुदेव प्रसाद शर्मा की सुपुत्री अंजू शर्मा के साथ निवासी- सहयोग नगर भरतपुर राजस्थान से बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
इन्होंने वर्ष 1998 मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष 2000 में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, वर्ष 2006 में इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( आई0 ई0 टी0 ) अलवर से बीटेक आई0टी0 में डिग्री प्राप्त की
शिक्षा प्राप्त करने के बाद यह नौकरी की तलाश करने लगे कुछ समय बाद इनको दिसंबर 2006 में टूलिप टेलीकॉम दिल्ली में नौकरी मिल गई कुछ वर्षों तक यह नौकरी करते रहे इसके बाद इन्होंने यह नौकरी छोड़ दी नौकरी छोड़ने के बाद इन्होंने मई 2011 से अक्टूबर 2012 तक एच0सी0एल0 टेक्नोलॉजी नोएडा मैं नौकरी करने लगे एवं नवंबर 2012 से फाइजर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 20 नवंबर 2010 दिन शनिवार को श्रीमती गीता शर्मा धर्मपत्नी बासुदेव प्रसाद शर्मा की सुपुत्री अंजू शर्मा के साथ निवासी- सहयोग नगर भरतपुर राजस्थान से बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
18 सितंबर 2012 को संत दुर्लभ मेमोरियल हॉस्पिटल जयपुर मैं पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई पुत्र का नाम बड़े हर्षोल्लास से ऋषित तिवारी रख दिया इसके उपरांत 24 जनवरी 2019 को कैलाश हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश मैं धनलक्ष्मी पुत्री रत्न प्राप्त हुआ जिसका नाम बड़े हर्षोल्लास से अनन्या तिवारी रख दिया
( प्रज्ञा तिवारी धर्मपत्नी मनीष तिवारी )
मनीष तिवारी जन्म का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम प्रेम स्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती मीना तिवारी है भाइयों का नाम मनोज तिवारी, मयंक तिवारी,है मनीष नाम का मतलब मन की प्रभु, जॉयफुल स्वभाव, आत्मा, गौरव, हृदय, दीप विचारक होता है।
इन्होंने वर्ष मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, एम0एस0सी0 आगरा कॉलेज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा शर्मा धर्मपत्नी श्री सुरेश चंद शर्मा निवासी- जयपुर की सुपुत्री प्रज्ञा जैमिनी ( जन्म 29 अगस्त) के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
इन्होंने वर्ष मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, एम0एस0सी0 आगरा कॉलेज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा शर्मा धर्मपत्नी श्री सुरेश चंद शर्मा निवासी- जयपुर की सुपुत्री प्रज्ञा जैमिनी ( जन्म 29 अगस्त) के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
यह 8 मई 2018 से डिप्टी मैनेजर के पद पर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया मैं कार्यरत है के यहाँ एक पुत्री एवं दिनांक 15 अक्टूबर 2019 को जयपुर राजस्थान के हॉस्पिटल मैं पुत्र का जन्म हुआ पुत्री का नाम पीहू तिवारी है
(अनुपम तिवारी धर्मपत्नी मयंक तिवारी )
मयंक तिवारी (जन्म 13 फरवरी 1986) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम प्रेम स्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती मीना तिवारी है भाइयों का नाम मनोज तिवारी, मनीष तिवारी, है मयंक नाम का अर्थ चंद्रमा, विशिष्ट होता है।
इन्होंने वर्ष मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, 2008 मै एम0एस0सी0 आगरा कॉलेज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त की
इन्होंने वर्ष मैं आदर्श विद्या मंदिर दौसा से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की इसके उपरांत वर्ष में रामकरण जोशी सीनियर सेकेंडरी स्कूल दौसा से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की, 2008 मै एम0एस0सी0 आगरा कॉलेज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त की
फरवरी 2009 से सितंबर 2012 तक टाटा केमिकल फर्टिलाइजर बबराला जिला बदायूं मैं सेवा प्रदान की उसके उपरांत 2012 से मैट्रिक्स फर्टिलाइजर दुर्गापुर कोलकाता मैं कार्य करने लगे 15 जुलाई 2019 को हिंदुस्तान के दिल्ली एयरपोर्ट से सोहर इंटरनेशनल यूरिया एंड केमिकल इंडस्ट्रीज सोहर ओमान मैं नौकरी करने चले गए
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 26 जनवरी 2015 दिन सोमवार को श्रीमती कमलेश शर्मा धर्मपत्नी पंडित श्री जगदीश प्रसाद शर्मा निवासी- 1-B-3, एस0 टी0 सी0 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रीको रोड भरतपुर राजस्थान की सुपुत्री अनुपम शर्मा (जन्म 7 जून )के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ के यहाँ एक पुत्र का जन्म 08 अप्रैल को हुआ पुत्र का नाम किंछु तिवारी है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 26 जनवरी 2015 दिन सोमवार को श्रीमती कमलेश शर्मा धर्मपत्नी पंडित श्री जगदीश प्रसाद शर्मा निवासी- 1-B-3, एस0 टी0 सी0 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रीको रोड भरतपुर राजस्थान की सुपुत्री अनुपम शर्मा (जन्म 7 जून )के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ के यहाँ एक पुत्र का जन्म 08 अप्रैल को हुआ पुत्र का नाम किंछु तिवारी है
( आदेश तिवारी धर्मपत्नी बसंत कुमार तिवारी )
बसंत कुमार तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर 1959)- का जन्म दिन बृहस्पतिवार को ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम लक्ष्मणस्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती राजकुमारी तिवारी था भाइयों का नाम ऋषिकेश तिवारी, राकेश तिवारी, प्रेमस्वरूप तिवारी,एवं बहन का नाम राधा तिवारी है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई जब लेखक द्वारा इनकी शिक्षण कार्य की जानकारी की गई तो ग्राम की पाठशाला मैं बालक पंजिका अभिलेख मे नाम अंकित है जो के लेखक द्वारा स्वयं पुष्टि की गई है जे0वी0 इण्टर कालेज अलीनगर केंजरा फिरोजावाद उत्तर प्रदेश से हाई स्कूल परीक्षा 1975 में पास की उसके उपरांत इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से 8 दिसंबर 1982 दिन बुधवार को इनका विवाह बड़े धूमधाम से श्रीमती जयकरनी धर्मपत्नी पंडित लक्ष्मीनरायन पचौरी की सुपुत्री आदेश पचौरी के साथ निवासी ग्राम कुतकपुर ( जिला फिरोजाबाद ) से संपन्न हुआ
इनको तीन पुत्री एवं एक पुत्र प्राप्त हुआ बड़ी पुत्री का नाम बब्बन तिवारी, निधि तिवारी, श्रेजल तिवारी, एवं पुत्र का नाम अजय तिवारी है
- बब्बन तिवारी (जन्म 10 मई 1985)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह 25 नवंबर 2007 को संदीप शर्मा मूल निवासी बरहन आगरा के साथ संपन्न कर दिया
- निधि तिवारी (15 अगस्त 1987)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह 3 दिसंबर 2011 को पंडित सुरेंद्र बाबू मिश्रा के सुपुत्र श्री धीरज मिश्रा मूल निवासी ग्राम असरोही चंदपुरा करहल जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- श्रेजल तिवारी-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह 11 नवंबर 2016 को पंडित भगवती प्रसाद मिश्रा के सुपुत्र श्री मिलन मिश्रा निवासी गणेश विहार कॉलोनी टूंडला के साथ संपन्न कर दिया
इन्होंने भारत सरकार की भारतीय सेना में सेवा की भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होकर अपने ग्राम वापस आ गए और अपनी सेवाएं कुछ वर्षों तक रोडवेज उत्तर प्रदेश में प्रदान की उसके उपरांत इन्होंने कई वर्षों तक अपनी सेवाएं विद्युत विभाग जिला फिरोजाबाद को प्रदान की 2019 को विद्युत विभाग की सेवा पूर्ण की
अजय तिवारी (जन्म 30 मार्च 1997) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम बसंत कुमार तिवारी व माता का नाम श्रीमती आदेश तिवारी है अजय नाम का मतलब सफलता, अजेय, अपराजेय होता है।
प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हजरतपुर से प्राप्त की हाई स्कूल की परीक्षा 2012 में केंद्रीय विद्यालय हजरतपुर फिरोजाबाद से उत्तरीण की इंटरमीडिएट परीक्षा 2015 में अमरदीप स्कूल फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की बी0एससी0 (एफ0 एस0 डिग्री कॉलेज) उसायनी जिला फिरोजाबाद डॉ0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2018 मैं उपाधि प्राप्त की
प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हजरतपुर से प्राप्त की हाई स्कूल की परीक्षा 2012 में केंद्रीय विद्यालय हजरतपुर फिरोजाबाद से उत्तरीण की इंटरमीडिएट परीक्षा 2015 में अमरदीप स्कूल फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की बी0एससी0 (एफ0 एस0 डिग्री कॉलेज) उसायनी जिला फिरोजाबाद डॉ0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2018 मैं उपाधि प्राप्त की
दिनांक 20 नवंबर 2020 को रात्रि के 8:30 पर नई दिल्ली एयरपोर्ट से अफ्रीका एशिया के अंतर्गत इथोपिया देश की राजधानी अदीस अबाबा एयरपोर्ट पर दिनांक 21 नवंबर 2020 को उतरे एयरपोर्ट पर कुछ घंटे रुकने के बाद सुबह के 10:40 पर एयरपोर्ट से दूसरी फ्लाइट से अफ्रीका एशिया के अंतर्गत माली देश की राजधानी बमांको पहुंच गए माली देश पहुंचने के बाद इनको एयरपोर्ट के बाहर कंपनी का ड्राइवर गाड़ी से लेने आया इनसे उसने इनका नाम पूछा और उनको अपने साथ कंपनी मैं ले गया
(ओमवती तिवारी धर्मपत्नी परमेश्वर दयाल तिवारी )
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई यह बॉयलर फोरमैन के पद पर बी0एच0एल0 गोला जनपद लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश में नौकरी करते थे
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती फूलवती देवी धर्मपत्नी पंडित रोशन लाल शर्मा निवासी - ग्राम रेपुरा जिला फिरोजाबाद की सुपुत्री ओमवती शर्मा के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम प्रदीप कुमार तिवारी व छोटे पुत्र का नाम विजय प्रकाश तिवारी है
- पुत्री का नाम शोभा तिवारी, रेखा तिवारी, संगीता(गुड्डी) तिवारी,मुन्नी तिवारी है
- शोभा तिवारी-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह श्रीमती बैजंती देवी धर्मपत्नी श्री राजनाथ शर्मा के सुपुत्र श्री रामदत्त भारद्वाज मूलनिवासी चकरपुर जनपद मैनपुरी के साथ संपन्न कर दिया
- रेखा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह मूल निवासी करहल जनपद मैनपुरी के साथ संपन्न कर दिया
- संगीता(गुड्डी)तिवारी-(1 जनवरी)परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 25 फरवरी को राजेश शुक्ला निवासी लेबर कॉलोनी जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- मुन्नी तिवारी-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 23 जून 1999 को श्रीमती अन्नपूर्णा धर्मपत्नी राजदुलारे चतुर्वेदी के सुपुत्र श्री रवि चतुर्वेदी निवासी नई बस्ती एलआईसी के सामने स्टेशन रोड शिकोहाबाद जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
इनकी मृत्यु 79 वर्ष की उम्र में 5 मई 2018 दिन शनिवार को असमोली जिला संभल में हो गई इनका दाह संस्कार बाणगंगा नदी में किया गया
संदर्भ-
- https://www.geni.com/people/Parmeswar-dayal-Tiwari/6000000128804597835
प्रदीप कुमार तिवारी (जन्म 8 अप्रैल 1960) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम परमेश्वर दयाल तिवारी था व माता का नाम श्रीमती ओमवती तिवारी है भाई का नाम विजय प्रकाश तिवारी है प्रदीप नाम का अर्थ "प्रकाश, चमक, दीपक, शानदार" होता है।
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 9 मई को शंकर लाल शर्मा की सुपुत्री आशा तिवारी (जन्म 15 फरवरी 1968) निवासी अलीगढ़ से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम सनी तिवारी है
- पुत्रियों का नाम स्वाति तिवारी, शिवानी तिवारी है
- स्वाति तिवारी (जन्म 5 फरवरी)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 30 नवंबर 2014 को पंडित राधेश्याम शर्मा के सुपुत्र सुमित शर्मा निवासी सरायतरीन जिला संभल के साथ संपन्न कर दिया
- शिवानी तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर 1996)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 7 मई 2021 को पंडित शर्मा के सुपुत्र शर्मा निवासी जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
1994 से अप्रैल 2018 तक धामपुर शुगर मिल लिमिटेड असमोली संभल मैं सीनियर weighbridge (तुलाचौकी) फॉरमैन के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की जून माह 2020 में यह अपनी जन्मभूमि पर वापस आ गए
( पायल तिवारी धर्मपत्नी संदीप तिवारी )
संदीप तिवारी जन्म (29 अगस्त) का जन्म उत्तर प्रदेश में जिला फिरोजाबाद तहसील फिरोजाबाद के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम प्रदीप कुमार तिवारी व माता का नाम श्रीमती आशा तिवारी है
2008 में स्प्रिंग फील्ड्स स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद केमिकल इंजीनियरिंग नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की गई और प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है
2008 में स्प्रिंग फील्ड्स स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद केमिकल इंजीनियरिंग नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की गई और प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से शादी 13 दिसंबर 2018 को श्रीमती सरोज धर्मपत्नी श्री राम प्रकाश तिवारी निवासी-RZB-70, शिवरूप कुंज, राज नगर पार्ट-l पालम कॉलोनी नई दिल्ली की सुपुत्री पायल तिवारी के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
दिनांक 3 जून 2022 को दिल्ली में पुत्री रत्न प्राप्त हुआ
विजय प्रकाश तिवारी (जन्म 22 अगस्त 1961) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम परमेश्वर दयाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती ओमवती तिवारी है भाई का नाम प्रदीप कुमार तिवारी है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह पंडित मुरारी लाल शर्मा की सुपुत्री मनोरमा शर्मा निवासी ग्राम मोड़ा जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह पंडित मुरारी लाल शर्मा की सुपुत्री मनोरमा शर्मा निवासी ग्राम मोड़ा जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम गगन तिवारी , रजत तिवारी है
यह भूमि संरक्षण अधिकारी के पद पर उत्तर प्रदेश सरकार में सेवारत है इन्होंने अपनी सेवाएं फर्रुखाबाद, सिरसागंज, एवं ब्लॉक टूंडला मैं प्रदान की,इनका सेवानिवृत्त दिनांक 31 अगस्त 2021 को सहायक विकास अधिकारी (एग्रीकल्चर विभाग) ब्लॉक टूंडला से हो गया
( दीक्षा तिवारी धर्मपत्नी गगन तिवारी)
गगन तिवारी (जन्म 1 फरवरी 1990) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम विजय प्रकाश तिवारी व माता का नाम श्रीमती मनोरमा शर्मा है भाई का नाम रजत तिवारी
इनकी प्रारंभिक शिक्षा दसवीं की शिक्षा प्रहलाद राय टिकमानी सरस्वती हाई स्कूल से पास किया इंटरमीडिएट से पास की बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग एस0डी0एम0 कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उपाधि 2014 मैं देहरादून से प्राप्त की
इनकी प्रारंभिक शिक्षा दसवीं की शिक्षा प्रहलाद राय टिकमानी सरस्वती हाई स्कूल से पास किया इंटरमीडिएट से पास की बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग एस0डी0एम0 कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उपाधि 2014 मैं देहरादून से प्राप्त की
जूनियर सिविल इंजीनियर के पद पर 11 अगस्त 2014 से 1 अगस्त 2016 तक बी0 एल0 कश्यप एंड संस लिमिटेड बैंगलोर इसके बाद 31 जुलाई 2016 से 1 जनवरी 2017 तक अरत बैंगलोर सहायक इंजीनियर के रूप, में 24 जनवरी 2017 से 17 जून 2017 तक एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड नई दिल्ली मैं कार्य किया 2017 से ट्रांसफॉरमेशन लीड oyo में कार्यरत रहे
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 24 नवंबर 2016 श्रीमती अनुपम शर्मा धर्मपत्नी स्वर्गीय संतोष कुमार शर्मा निवासी- इंद्रा नगर एटा रोड टूंडला फिरोजाबाद की सुपुत्री दीक्षा शर्मा (जन्म 24 सितंबर 1994) के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 24 नवंबर 2016 श्रीमती अनुपम शर्मा धर्मपत्नी स्वर्गीय संतोष कुमार शर्मा निवासी- इंद्रा नगर एटा रोड टूंडला फिरोजाबाद की सुपुत्री दीक्षा शर्मा (जन्म 24 सितंबर 1994) के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
( प्रियता तिवारी धर्मपत्नी रजत तिवारी )
रजत तिवारी (जन्म 26 जनवरी 1992) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम विजय प्रकाश तिवारी व माता का नाम श्रीमती मनोरमा शर्मा है भाई का नाम गगन तिवारी है
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से शिक्षा प्राप्त की परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 31 अक्टूबर 2017 को प्रियता तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर 1993 ) के साथ आगरा से संपन्न हुआ बॉर्डर सुरक्षा फोर्स ( बी0 एसo एफo) में सेवारत है
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से शिक्षा प्राप्त की परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 31 अक्टूबर 2017 को प्रियता तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर 1993 ) के साथ आगरा से संपन्न हुआ बॉर्डर सुरक्षा फोर्स ( बी0 एसo एफo) में सेवारत है
( पंडित बद्रीप्रसाद तिवारी पुत्र पंडित खुशालीराम तिवारी )
बद्रीप्रसाद तिवारी (जन्म 30 जनवरी 1904)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी व माता का नाम श्रीमती केसरि तिवारी था भाइयों का नाम श्रीराम तिवारी, उमाशंकर तिवारी था इनकी तीन बहन रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी, दुलारो तिवारी , बैकुंठी तिवारी थी
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह की सुपुत्री फूलश्री जिला आगरा से संपन्न हुआ
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह की सुपुत्री फूलश्री जिला आगरा से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम रामलक्ष्मण तिवारी, पंडित हरिविलास तिवारी था
- पुत्रियों का नाम रामबेटी तिवारी , कालिंद्री तिवारी था
दिनांक 30 अगस्त 1910 को ग्राम की पाठशाला से अपना नाम कटवा कर अपने पिता के साथ कलकत्ता चले गए कुछ वर्षों बाद पिता द्वारा इनको कलकत्ता नौकरी पर रखवा दिया परंतु कुछ समय तक इनके द्वारा नौकरी की गई और उसके बाद नौकरी छोड़कर अपने ग्राम वापस आ गए और ग्राम में ही रहने लगे फिर दोबारा कभी कलकत्ता नहीं गए सन 19 मई 1941 दिन सोमवार को इनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया जब माता जी का स्वर्गवास हुआ तब इनकी उम्र 37 वर्ष थी
- रामबेटी तिवारी (जन्म 2 जनवरी 1930)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री की शादी निवासी पचौरी का नगलाके साथ कर दी
- कालिंद्री तिवारी (जन्म 1932)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री की शादी दुबे जी निवासी खैरगढ़ से कर दी
बद्रीप्रसाद तिवारी की मृत्यु 78 वर्ष की उम्र में दिनांक 25 अगस्त 1982 को ग्राम व पोस्ट हिरनगाँव जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश मैं हो गई
इन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स (एम0 ए0), विधि स्नातक बैचलर ऑफ लॉ (एल0एल0बी0) एवं डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी पीएच0डी0 की उपाधि प्राप्त की इन्होंने थियोसॉफिकल सोसाइटी आगरा के अध्यक्ष के रूप में सेवा प्रदान की यह आगरा कॉलेज आगरा में अंग्रेजी के प्रोफेसर पद पर कार्यरत रहे
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह अवागढ़ जिला एटा से संपन्न हुआ इनकी धर्मपत्नी का नाम चंद्रकला तिवारी था
- पुत्रो का नाम अभय कांत तिवारी (जन्म 1959) व बृजेश कुमार तिवारी (जन्म 1960)
रामलक्ष्मण तिवारी इनका देहांत आगरा में हो गया
( कस्तूरी देवी धर्मपत्नी पंडित हरिविलास तिवारी )
पंडित हरिविलास तिवारी (जन्म 6 जनवरी 1925)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम बद्रीप्रसाद तिवारी व माता का नाम श्रीमती फूलश्री था भाई का नाम रामलक्ष्मण तिवारी था इनकी बहन का नाम रामबेटी तिवारी, कालिंद्री तिवारी था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह ग्राम कूकरा पोस्ट सहपऊ जिला धौलपुर राजस्थान से संम्पन हुआ इनकी पत्नी का नाम कस्तूरी देवी था इनकी पत्नी कस्तूरी देवी के भाइयों का नाम भोलाराम व लज्जाराम था
- पुत्र का नाम तुलसीराम तिवारी, प्रमोद कुमार तिवारी, राजेश तिवारी है
- बीना तिवारी, बुल्ली तिवारी, मिथिलेश तिवारी, लल्ली तिवारी, पप्पी तिवारी है |
- बीना तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
- बुल्ली तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
- मिथिलेश तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह श्रीमती शकुंतला देवी धर्मपत्नी श्री रामगोपाल शर्मा के सुपुत्र श्री योगेश कुमार शर्मा निवासी - 23 बी, पी, एंड टी. कॉलोनी आगरा कैंट उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
- स्नेहलता (लल्ली) तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से का विवाह जय नारायण शर्मा के सुपुत्र श्री महेश चंद शर्मा निवासी ग्राम लोदई पोस्ट मेहरारा जिला मथुरा उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
- रेनू (पप्पी) तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से का विवाह नरेश कुमार मुखिया निवासी ग्राम तेहरा आगरा के साथ संपन्न कर दिया
(अंगूरी देवी धर्मपत्नी तुलसीराम तिवारी )
तुलसीराम तिवारी (जन्म 1 फरवरी 1954) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम पंडित हरिविलास तिवारी व माता का नाम श्रीमती कस्तूरी देवी था भाइयों का नाम प्रमोद कुमार तिवारी, राजेश तिवारी है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई जे0बी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केजरा जिला फिरोजाबाद शिक्षा विभाग में सरकारी सेवा में कार्यरत थे
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 30 जून 1975 दिन सोमवार को पंडित गजाधर सिंह पाराशर की सुपुत्री अंगूरी देवी पाराशर निवासी ग्राम अंडेला पोस्ट उंडेला जिला आगरा बाया फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश से संपन्न हुआ
के यहां एक पुत्री
- पूनम उर्फ पप्पा तिवारी एवं दो पुत्रों ने जन्म लिया बड़े
- पुत्र का नाम पीयूष तिवारी , भारतेंद्र तिवारी था
कुछ बरसों बाद छोटे पुत्र भारतेंद्र तिवारी का देहांत एक्सीडेंट से हो गया
- पूनम उर्फ पप्पा तिवारी-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 21 नवंबर 2007 को रतन लाल शर्मा के सुपुत्र पंडित मनमोहन शर्मा निवासी टूंडला जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
( रुचि तिवारी धर्मपत्नी पियूष तिवारी )
पीयूष तिवारी जन्म (6 अक्टूबर 1984) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम तुलसी तिवारी व माता का नाम श्रीमती अंगूरी देवी तिवारी है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 18 नवंबर को पंडित नंदकिशोर शर्मा की सुपुत्री रुचि पांडे (जन्म 17 सितंबर 1988) के साथ ग्राम रजौरा पोस्ट आमोर सिरसागंज जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह 18 नवंबर को पंडित नंदकिशोर शर्मा की सुपुत्री रुचि पांडे (जन्म 17 सितंबर 1988) के साथ ग्राम रजौरा पोस्ट आमोर सिरसागंज जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ
- पुत्री का नाम परी तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर )
- पुत्र का नाम देवांश उर्फ डुग्गू तिवारी (जन्म 25 फरवरी 2016) है
प्रमोद कुमार तिवारी (1 जनवरी 1960) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम पंडित हरिविलास तिवारी था व माता का नाम श्रीमती कस्तूरी देवी था भाइयों का नाम तुलसी तिवारी, राजेश तिवारी है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा देवी धर्मपत्नी श्री महेंद्र शर्मा निवासी जिला आगरा की सुपुत्री मिथलेश (गोत्र चिहार) के साथ पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से ग्राम देवरी से संपन्न हुआ
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा देवी धर्मपत्नी श्री महेंद्र शर्मा निवासी जिला आगरा की सुपुत्री मिथलेश (गोत्र चिहार) के साथ पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से ग्राम देवरी से संपन्न हुआ
आगरा कॉलेज आगरा में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्ति मिल गई इसके उपरांत कनिष्ठ लिपिक से पदोन्नत होकर वरिष्ठ लिपिक पद पर सेवा प्रदान की वरिष्ठ लिपिक से पदोन्नत होकर कार्यालय अधीक्षक (ऑफिस सुपरिंटेंडेंट) के पद पर शिक्षा विभाग के अंतर्गत सेवा प्रदान करने लगे दिनांक 31 दिसंबर 2020 को कार्यालय अधीक्षक के पद से आगरा कॉलेज आगरा से ही सेवानिवृत्त हो गए
के यहां दो पुत्री एवं एक पुत्र ने जन्म लिया पुत्र का नाम अमन तिवारी है
- बबली तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह दिनांक 30 नवंबर 2020 को श्रीमती स्नेहलता एवं श्री विजय प्रकाश पचौरी के सुपुत्र प्रशांत पचौरी निवासी-28, इंद्रधनुष कॉलोनी दयालबाग आगरा के साथ संपन्न कर दिया
(अमन तिवारी पुत्र प्रमोद कुमार तिवारी)
अमन तिवारी (जन्म 6 दिसंबर 1993) का जन्म आगरा में हुआ पिता का नाम प्रमोद कुमार तिवारी व माता का नाम श्रीमती मिथिलेश तिवारी हैं 2012 में देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी देहरादून से शिक्षा प्राप्त की
राजेश तिवारी (जन्म 1 अक्टूबर 1969) का जन्म दिन बुधवार को ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ पिता का नाम पंडित हरिविलास तिवारी व माता का नाम श्रीमती कस्तूरी देवी था भाइयों का नाम तुलसी तिवारी, प्रमोद कुमार तिवारी, है
ग्राम के प्राथमिक विद्यालय से पाचवी पास की उसके उपरांत छठवी से नवमी कक्षा तक जे0 वी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की 1988 में हाई स्कूल व 1990 में इंटरमीडिएट की परीक्षा इंटर कॉलेज सादाबाद हाथरस से प्राप्त की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा देवी धर्मपत्नी श्री महेंद्र शर्मा निवासी जिला आगरा की सुपुत्री शिमलेस (गोत्र चिहार) के साथ 10 दिसंबर 1994 दिन शनिवार को पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से निवासी जिला आगरा के अंतर्गत ग्राम देवरी से संपन्न हुआ
ग्राम के प्राथमिक विद्यालय से पाचवी पास की उसके उपरांत छठवी से नवमी कक्षा तक जे0 वी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा फिरोजाबाद से शिक्षा प्राप्त की 1988 में हाई स्कूल व 1990 में इंटरमीडिएट की परीक्षा इंटर कॉलेज सादाबाद हाथरस से प्राप्त की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह श्रीमती शारदा देवी धर्मपत्नी श्री महेंद्र शर्मा निवासी जिला आगरा की सुपुत्री शिमलेस (गोत्र चिहार) के साथ 10 दिसंबर 1994 दिन शनिवार को पूर्ण हिंदू रीति रिवाज से निवासी जिला आगरा के अंतर्गत ग्राम देवरी से संपन्न हुआ
- पुत्री काजल तिवारी (जन्म 18 जुलाई 2000)
- एवं एक पुत्र का जन्म हुआ पुत्र का नाम
यह कोरियर कंपनी मैं फिरोजाबाद के अंतर्गत कार्य करते है
शिवा तिवारी (जन्म 5 अप्रैल 2004) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम राजेश तिवारी व माता का नाम श्रीमती शिमलेस तिवारी
(पंडित उमाशंकर तिवारी पुत्र पंडित खुशालीराम तिवारी )
पंडित उमाशंकर तिवारी (जन्म 25 दिसंबर 1910 - 11 फरवरी 1992) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी व माता का नाम श्रीमती केसरि तिवारी व भाइयों का नाम श्रीराम तिवारी, बद्रीप्रसाद तिवारी,था इनकी तीन बहन रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी , दुलारो तिवारी , बैकुंठी तिवारी थी
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई पाठशाला के अध्यापक द्वारा 30 मई 1925 को पाठशाला से इनका नाम काट दिया गया यह शिक्षा विभाग में देव नगर स्कूल फिरोजाबाद में अध्यापक के रूप में सरकारी सेवा में कार्यरत थे
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह ग्राम नूरपुर जिला फिरोजाबाद से संपन्न हुआ इनकी धर्मपत्नी का नाम श्रीदेवी था
- पुत्री पुष्पा तिवारी व कमला तिवारी
- पुत्र का नाम शांतिस्वरूप तिवारी है
- पुष्पा तिवारी (जन्म 5 मार्च 1935)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह महावीर प्रसाद उपाध्याय निवासी चकरपुर जनपद मैनपुरी के साथ संपन्न कर दिया
- कमला तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह पंडित भूरी सिंह उपाध्याय के सुपुत्र पंडित सुखलाल उपाध्याय निवासी ग्राम नगला सिंगी जनपद फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न कर दिया
सन 19 मई 1941 दिन सोमवार को इनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया जब माता जी का स्वर्गवास हुआ तब इनकी उम्र 31 वर्ष थी पंडित उमाशंकर तिवारी की मृत्यु 81 वर्ष की उम्र में 11 फरवरी 1992 दिन मंगलवार को ग्राम हिरनगांव में हुई थी इसके उपरांत इनकी धर्मपत्नी श्रीमती श्रीदेवी का स्वर्गवास दिनांक 6 अगस्त 1996 दिन मंगलवार को ग्राम हिरनगॉव में हो गया
शांतिस्वरूप तिवारी (जन्म 9 नवंबर 1958) का जन्म दिन रविवार ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित उमाशंकर तिवारी व माता का नाम श्रीमती श्रीमती श्रीदेवी था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई छठवीं की कक्षा जनता इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा से उत्तीर्ण की इसके बाद सातवीं की कक्षा डीएवी इंटर कॉलेज फिरोजाबाद से उत्तीर्ण की आठवीं की कक्षा लाला लड़ाती प्रसाद इंटर कॉलेज फिरोजाबाद से उत्तीर्ण की नौवीं कक्षा जनता इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा से उत्तीर्ण की दसवीं की परीक्षा का सेंटर जनता इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा से तिलक इंटर कॉलेज फिरोजाबाद में गया दसवीं की परीक्षा मैं अनुत्तीर्ण हो गए और इन्होंने पढ़ाई बंद कर दी
इनकी धर्मपत्नी का नाम छाया तिवारी है इनकी धर्मपत्नी का मायका निवासी- ग्राम अलीपुर, ब्लॉक व तहसील देगंगा, जिला नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल हावड़ा कोलकाता है
- पुत्र का नाम विनय तिवारी है
विनय तिवारी (जन्म दिनांक 23 नवंबर 2000) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम शांतिस्वरूप तिवारी व माता का नाम श्रीमती छाया तिवारी है
पंडित उमराव सिंह तिवारी (जन्म 1800 सदी) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित तेजसिंह तिवारी था भाइयों का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी, रामलाल तिवारी, देवीराम तिवारी था
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह मथुरा रामपुर कठेरी से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम श्यामलाल तिवारी , गोपीनाथ तिवारी था ,
- रामश्री तिवारी,चमेली तिवारी,गोविंदी तिवारी था
- रामश्री तिवारी ()- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह ग्राम पुरानी गड़ी मैं कर दिया
- चमेली तिवारी ()- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह ग्राम टकातर मैं कर दिया
- गोविंदी तिवारी ()- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह सिरसागंज जनपद फिरोजाबाद मैं कर दिया
पंडित उमराव सिंह तिवारी अपने छोटे भाई देवी राम तिवारी के साथ राजा का ताल के क्रूर जमीदार को मारकर कोलकाता चले गए और दोबारा अपने गांव मैं वापस नहीं लौटे कोलकाता में ही इनकी मृत्यु हो गई
- https://www.geni.com/people/Pandit-Umrao-sing-Tiwari/6000000128750502922
(पंडित श्यामलाल तिवारी पुत्र पंडित उमराव सिंह तिवारी ) |
श्यामलाल तिवारी (जन्म 1800 सदी - 1959 ) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित उमराव सिंह तिवारी था भाई का नाम गोपीनाथ तिवारी था। बहनों का नाम रामश्री तिवारी,चमेली तिवारी,गोविंदी तिवारी था
- पुत्रियों का नाम अमरावती तिवारी, कंठश्री तिवारी,प्रमोदा तिवारी, गोमती तिवारी,रंभा
- पुत्र रामगोपाल तिवारी व श्रीभगवान तिवारी ने जन्म लिया।
- अमरावती तिवारी ()- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह ग्राम निवासी- बोहरे के वास सादाबाद मैं कर दिया
- कंठश्री तिवारी (जन्म 1 अगस्त 1913)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह निवासी- ग्राम धीरपुरा जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- प्रमोदा तिवारी (जन्म 25 जनवरी 1918)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह निवासी- बोहरे के वास सादाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- गोमती तिवारी (जन्म 30 जुलाई 1923)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह निवासी- कोटला जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- रंभा
- https://www.geni.com/people/shyamlal-Tiwari/6000000129532892206
(गायत्री देवी उर्फ (गल्लो) धर्मपत्नी रामगोपाल तिवारी)
रामगोपाल तिवारी (1 जनवरी 1921 - 27 जनवरी 1995) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं शनिवार को एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम श्यामलाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती भाई का नाम श्रीभगवान तिवारी था यह शरीर से हस्ट पुस्ट एवं लंबे कद के थे यह अच्छे लठेथ थे, लाठी चलाने का अच्छा ज्ञान था
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह पंडित रामकिशन शर्मा धर्मपत्नी किशनी शर्मा की सुपुत्री गायत्री देवी उर्फ (गल्लो) ततसमय निवासी तिल्ला छत्तीसगढ़ प्रदेश व मूल निवासी ग्राम सबोरे जिला आगरा से संपन्न हुआ
- स्वतंत्र तिवारी, राधे तिवारी, वृजमोहन तिवारी, मदन मोहन तिवारी, विमल कुमार तिवारी
- गिरिजा तिवारी, मीरा तिवारी, प्रतिभा तिवारी, शशी तिवारी, है
- गिरिजा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह निवासी आगरा के साथ संपन्न कर दिया
- मीरा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह पंडित विद्याराम मिश्रा के सुपुत्र श्री सुभाष चंद्र मिश्रा वर्तमान निवासी सुहाग नगर सेक्टर नंबर- 2, जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- प्रतिभा तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह 5 मार्च 1984 महेश्वर दयाल उपाध्याय के सुपुत्र श्री अशोक कुमार उपाध्याय निवासी- दुर्गा नगर गली नंबर 9 जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- शशी तिवारी-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह निवासी आगरा के साथ संपन्न कर दिया
रामगोपाल तिवारी का स्वर्गवास 74 वर्ष की उम्र में 27 जनवरी 1995 दिन शुक्रवार को प्रातः 11:00 बजे हिरनगाँव ग्राम में हो गया
- https://www.geni.com/people/ramgopal-Tiwari/6000000129531988440
स्वतंत्र तिवारी (जन्म 15 अगस्त 1947) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम रामगोपाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती गायत्री देवी भाइयों का नाम राधा मोहन तिवारी, वृजमोहन तिवारी, मदन मोहन तिवारी, विमल कुमार तिवारी, एवं बहनों का नाम गिरिजा तिवारी, मीरा तिवारी, प्रतिभा तिवारी, शशी तिवारी, है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह रुकमणी शर्मा के साथ निवासी तिल्दा छत्तीसगढ़ प्रदेश से संपन्न हुआ और यह तिल्दा में ही निवास कर रहे हैं इनके यहां एक पुत्र जन्म हुआ जिसका नाम अन्नू तिवारी रख दिया पुत्र के बड़े हो जाने के उपरांत अपने पुत्र की शादी तिल्दा छत्तीसगढ़ से ही संपन्न कर दी अन्नू तिवारी के एक पुत्र एवं पुत्री का जन्म हुआ अन्नू तिवारी की मृत्यु 29-05-23 को हो गई पुत्र की मृत्यु हो जाने के बाद पुत्र वियोग के कारण यह बहुत दुखी रहने लगे दिनांक 2 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को इनका तिल्दा में देहांत हो गया
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह रुकमणी शर्मा के साथ निवासी तिल्दा छत्तीसगढ़ प्रदेश से संपन्न हुआ और यह तिल्दा में ही निवास कर रहे हैं इनके यहां एक पुत्र जन्म हुआ जिसका नाम अन्नू तिवारी रख दिया पुत्र के बड़े हो जाने के उपरांत अपने पुत्र की शादी तिल्दा छत्तीसगढ़ से ही संपन्न कर दी अन्नू तिवारी के एक पुत्र एवं पुत्री का जन्म हुआ अन्नू तिवारी की मृत्यु 29-05-23 को हो गई पुत्र की मृत्यु हो जाने के बाद पुत्र वियोग के कारण यह बहुत दुखी रहने लगे दिनांक 2 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को इनका तिल्दा में देहांत हो गया
(राधा मोहन तिवारी पुत्र श्री रामगोपाल तिवारी)
राधा मोहन तिवारी (2 फरवरी 1953 - 23 जुलाई 2020) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम रामगोपाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती गायत्री देवी था भाइयों का नाम स्वतंत्र तिवारी, वृजमोहन तिवारी, मदन मोहन तिवारी, विमल कुमार तिवारी, एवं बहनों का नाम गिरिजा तिवारी, मीरा तिवारी, प्रतिभा तिवारी, शशी तिवारी, है
शिक्षा ग्राम के प्राथमिक विद्यालय से पांचवी कक्षा तक प्राप्त की छठवीं कक्षा की शिक्षा जेo वीo इंटर कॉलेज अलीनगर केजरा फिरोजाबाद से ग्रहण की
फिरोजाबाद के कांच के कारखानो में ईन्होंने कार्य किया और यह कारखाने में बेलन चलाने का कार्य करते थे जवानी में इनके शरीर में ताकत थी बेलन चलाने का कार्य हर किसी व्यक्ति के बस में नहीं था शरीर में ताकत रखने वाला व्यक्ति ही बेलन चलाने का कार्य करता था और बेलन चलाने वाले कारिंदा को अधिक मजदूरी मिलती थी इनके साथ कार्य करने वाले साथियों द्वारा बताया जाता था कि यह अपने समय में बड़े अच्छे बिलनिया थे जो कि बेलन चलाने वाले बोले जाते थे
इन्होंने अपना पूरा जीवन अविवाहित रह कर बिता दिया इनकी शादी नहीं हुई थी यह अपने सबसेेे छोटे भाई विमल कुमार तिवारी से बहुत प्रेम करतेे थे और अपने छोटे भाई के साथ ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे सबसे छोटे भाई की मृत्यु के बात इनके छोटे भाई ब्रजमोहन तिवारी इनको अपने साथ तिल्दा छत्तीसगढ़ ले गए और वहीं पर अपने सबसे छोटे भाई की मृत्यु के ढाई माह बाद इन्होंने भी दिनांक 23 जुलाई 2020 हरियाली तीज दिन बृहस्पतिवार को सुबह 2:30 बजे तिल्दा झारखंड में अपने प्राण 67 वर्ष की उम्र में त्याग दिए इनका दाह संस्कार तिल्दा झारखंड में किया गया
- https://www.geni.com/people/Radha-Tiwari/6000000134014375821
(श्रीमती सावित्री देवी धर्मपत्नी वृजमोहन तिवारी) |
वृजमोहन तिवारी (जन्म 2 अप्रैल 1954) ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम रामगोपाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती गायत्री देवी था भाइयों का नाम स्वतंत्र तिवारी, राधा मोहन तिवारी, मदन मोहन तिवारी, विमल कुमार तिवारी, एवं बहनों का नाम गिरिजा तिवारी, मीरा तिवारी, प्रतिभा तिवारी, शशी तिवारी, है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह सावित्री देवी तिल्दा छत्तीसगढ़ प्रदेश से संपन्न हुआ
जवानी में इन्होंने ग्राम छोड़ दिया और तिल्दा जाकर व्यापार करने लगे वहीं रहने लगे कई बरसों के बाद इनको अपनी जन्म भूमि की याद आई और वर्ष 2019 में अपनी धर्मपत्नी के साथ यहां वापस आ गए घर टूट-फूट चुका था इन्होंने अपने घर को फिर से बनवाया अपने माता पिता की तस्वीर लगवाई सभी सुविधाएं घर में रहने के लिए की गई एक बड़े भाई एवं एक छोटे भाई ग्राम में ही निवास करते थे अपने भाइयों से मिलकर इनको बहुत खुशी हुई वर्ष 2020 में यह अपने ग्राम एवं जन्म भूमि को छोड़कर पुनः तिल्दा छत्तीसगढ़ चले गए वहां पर जाकर इनकी धर्मपत्नी की मृत्यु दिनांक 9 दिसंबर 2021 दिन गुरुवार को हो गई जिनका तेरहवीं का कार्यक्रम दिनांक 20 दिसंबर 2021 दिन सोमवार को कार्यक्रम स्थल बगदई मंदिर रोड चन्दी राम फार्म हाउस के पास तिल्दा मैं किया गया
(मदन मोहन तिवारी पुत्र श्री रामगोपाल तिवारी) |
मदन मोहन तिवारी-का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम रामगोपाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती गायत्री देवी था भाइयों का नाम स्वतंत्र तिवारी, राधा मोहन तिवारी, वृजमोहन तिवारी, विमल कुमार तिवारी, एवं बहनों का नाम गिरिजा तिवारी, मीरा तिवारी, प्रतिभा तिवारी, शशी तिवारी, है
मदन मोहन तिवारी अविवाहित थे यह ट्यूबल पर नहाने गए थे वहां पर ट्रॉली/इंजन (पानी निकालने की मशीन) चल रही थी तभी यह ट्रॉली/इंजन के पटा मैं फस गए और इनकी मृत्यु जवानी में ही ग्राम हिरनगऊ मैं हो गई
(विमल कुमार तिवारी पुत्र श्री रामगोपाल तिवारी)
इनकी शिक्षा ग्राम की पाठशाला में हुई यह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का कार्य करते थे समय के साथ साथ इन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का कार्य बंद कर दिया इन्होंने अपना पूरा जीवन अविवाहित रह कर बिता दिया इनकी शादी नहीं हुई थी यह अपने बड़े भाई राधे तिवारी से बहुत प्रेम करतेे थे और अपने बड़े भाई के साथ ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे दिनांक 7 मई 2020 दिन बृहस्पतिवार को रात्रि 11:00 बजे इनका स्वर्गवास हो गया इनका दाह संस्कार आगरा में किया गया
- https://www.geni.com/people/Bimal-Tiwari/6000000134013956924
श्रीभगवान तिवारी (जन्म 30 जनवरी 1928) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम श्यामलाल तिवारी व माता का नाम श्रीमती था भाई का नाम रामगोपाल तिवारी था
- राजू तिवारी व शंकर तिवारी था
एक दिन यह फिरोजाबाद में गली से निकल रहे थे तभी एक घर की छत पर से वेश्या ने इनके ऊपर पान की पीक थूक दी तब इनको बहुत गुस्सा आया और उसी समय घर के ऊपर छत पर चढ़ गए और उस बेश्या को वहीं पर जान से मार दिया वैश्या को मारकर यह अपने ग्राम आ गए अब इनको पुलिस का भय सताने लगा तभी इनको जानकारी हुई कि पुलिस द्वारा इनके नाम का वारंट निकाल दिए गए हैं और यह तभी पुलिस से बच कर ग्राम छोडकर चले गए बहुत बरसों बाद यह अपने दो पुत्रों राजू तिवारी व शंकर तिवारी एवं एक पुत्री गीता तिवारी के साथ वापस अपने ग्राम आ गए हाथ में कड़ा और कुर्ता पाजामा पहने हुए थे शक्ल सूरत मैं बदलाव आ गया था इस कारण एकाएक परिवार वाले पहचान नहीं पाए फिर बाद में इनके द्वारा अपने बारे में बताया गया तभी परिवार वालों नेेे पहचान लिया बड़े भाई को अपने छोटे भाई से मिलकर बहुत खुशी हुई कुछ माह तक यह अपने परिवार के साथ ग्राम में रहे उसके उपरांत उन्होंने अपनी संपत्ति बेचकर ग्राम छोड़कर अपने बच्चों सहित सूरत चले गए और वहीं पर रहने लगे फिर अपने ग्राम वापस कभी नहीं लौटे
- https://www.geni.com/people/shri-bhagbaan-Tiwari/6000000129533574895
( श्रीमती बैकुंठी देवी धर्मपत्नी पंडित गोपीनाथ तिवारी )
गोपीनाथ तिवारी का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैंएक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित उमराव सिंह तिवारी था भाई का नाम श्यामलाल तिवारी था बहनों का नाम रामश्री तिवारी,चमेली तिवारी,गोविंदी तिवारी था
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह ग्राम नाईकपसिया जिला हाथरस से संपन्न हुआ इनकी धर्मपत्नी का नाम बैकुंठी देवी था
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह ग्राम नाईकपसिया जिला हाथरस से संपन्न हुआ इनकी धर्मपत्नी का नाम बैकुंठी देवी था
- इनके पुत्र जन्म हुए अमरनाथ तिवारी व केदारनाथ तिवारी
- पुत्रियों के रूप में शारदा देवी सुशीला तिवारी सावित्री तिवारी के रूप मैं हुआ
गोपीनाथ तिवारी अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में निकल गए कुछ समय बाद इनको ग्राम जगदीशपुर जिला मथुरा के जमीदार के यहां कारिंदा के रूप में कार्य मिल गया और यह अपने कार्य को बड़ी मेहनत एवं लगन से करते थे मेहनत कर कर जो पैसा कमाते थे उस पैसे से अपने परिवार का पालन पोषण करने लगे
- शारदा देवी (जन्म 2-01-1934)-परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री निवासी ग्राम पचवान जनपद फिरोजाबाद
- सुशीला तिवारी (जन्म 5-12-1935) परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से निवासी ग्राम पचवान जनपद फिरोजाबाद
- सावित्री तिवारी परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से निवासी ग्राम एलई जनपद फिरोजाबाद
जमीदार इनसे बहुत प्रसन्न रहता था जिससे नौकरी में इनका वर्चस्व बढ़ता चला जा रहा था कुछ लोग इनसे द्वेष भावना रखने लगे वहां पर एक दिन रसोईया ने इनके खाने में जहर मिला दिया जिससे इनकी वहीं पर मृत्यु हो गई और मृत्यु की सूचना काफी समय बाद इनके परिवार को ग्राम में मिली मृत्यु की सूचना मिलने के बाद परिवार काफी दुखी हुआइनकी पत्नी की मृत्यु वर्ष 1982 में हो गई
- https://www.geni.com/people/gopinath-Tiwari/6000000129532198344
(पंडित अमरनाथ तिवारी पुत्र पंडित गोपीनाथ तिवारी )
अमरनाथ तिवारी (2 जनवरी 1932 - 2001 )- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम गोपीनाथ तिवारी व माता का नाम श्रीमती बैकुंठी देवी भाई का नाम केदारनाथ तिवारी था बहनों का नाम शारदा देवी, सुशीला तिवारी, सावित्री तिवारी था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई एस आर के डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद एम ए की डिग्री प्राप्त की उसके उपरांत बड़ोदरा से एल एल बी की परीक्षा पास की
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह बड़े धूमधाम से दाऊदयाल शर्मा निवासी परमेश्वर गेट जिला फिरोजाबाद की सुपुत्री गीता देवी के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
- पुत्र जन्म हुआ अविनाश तिवारी के रूप में,
- यह बड़ोदरा जंक्शन पर रेलवे में स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत रहे एवं अपनी भारतीय रेल को सेवा प्रदान की बड़ोदरा रेलवे स्टेशन से ही सेवानिवृत्त हुए इनकी मृत्यु 69 वर्ष की उम्र में वर्ष 2001 में हो गई
अविनाश तिवारी का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम अमरनाथ तिवारी व माता का नाम श्रीमती गीता देवी था।
प्रारंभिक शिक्षा बड़ोदरा में प्राप्त की परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से विवाह हरिदत्त शर्मा निवासी ग्राम असन जिला फिरोजाबाद की सुपुत्री मनोरमादेवी के साथ संपन्न हुआ
- पुत्र जन्म हुआ अमित तिवारी के रूप मै एवं
- पुत्री प्रीति तिवारी
केदारनाथ तिवारी (1945 - 19 मई 2002)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम गोपीनाथ तिवारी व माता का नाम श्रीमती बैकुंठी देवी था भाई का नाम अमरनाथ तिवारी था बहनों का नाम शारदा देवी, सुशीला तिवारी, सावित्री तिवारी था
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई एस0आर0के0 डिग्री कॉलेज फिरोजाबाद से बीoकॉम व एम0 कॉम की शिक्षा प्राप्त की और डा0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से उपाधि प्राप्त की इसके उपरांत बीoटीoसीo की शिक्षा आगरा से ग्रहण की ,
आर0 आर0 एम0 इंटर कॉलेज बछगांव में नौकरी लग गई बाद में नौकरी छोड़ दी इसके बाद सी0एल0 जैन जूनियर हाईस्कूल हिरनगाँव स्टेशन में शिक्षण कार्य किया प्राथमिक विद्यालय नागऊ के सरकारी विद्यालय में 32 वर्ष सेवा प्रदान की ग्राम नगला बलिया प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरण हो गया वर्ष 2000 में खेड़ा उलाऊ प्राथमिक विद्यालय से सेवानिवृत्त हो गए
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह रामबाबू शर्मा की सुपुत्री निर्मला देवी निवासी पुरानी मंडी बापू गली जिला फिरोजाबाद के साथ बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ
- पुत्र का नाम नवीन तिवारी व् प्रवीण तिवारी है
- ममता तिवारी परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह श्रीमती सुशीला देवी धर्मपत्नी सूर्यपाल भारद्वाज के सुपुत्र श्री कृष्णदत्त शर्मा राजौरिया निवासी पुरानी तहसील के पीछे सरस्वती नगर टूंडला जिला फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
- सरिता तिवारी (उर्फ पप्पी)- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह श्रीमती कुशमा देवी पत्नी श्री चंद्रपाल शर्मा के सुपुत्र श्री कमलेश शर्मा निवासी- ग्राम व पोस्ट, बछगांव जनपद फिरोजाबाद के साथ संपन्न कर दिया
धर्मपत्नी का स्वर्गवास 27 नवंबर 1997 को ग्राम में हो गया उसके कुछ बरसों बाद इनका भी देहावसान 57 वर्ष की उम्र में 19 मई 2002 को ग्राम में हो गया
- https://www.geni.com/people/kedarnath-Tiwari/6000000129533856878
( रेखा तिवारी धर्मपत्नी नवीन तिवारी )
नवीन तिवारी (31 दिसंबर 1973 - 15 जुलाई 2019)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम केदारनाथ तिवारी व माता का नाम श्रीमती निर्मला देवी था भाई का नाम प्रवीण तिवारी है
इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम नागऊ के प्राथमिक विद्यालय में हुई जूनियर हाई स्कूल सी0 एल0 जैन हिरनगाँव से आठवीं तक दसवीं की परीक्षा ठाकुर बिरी सिंह इंटर कॉलेज टूंडला से वर्ष 1988 में पास की इंटरमीडिएट जे0 वी0 इंटर कॉलेज अलीनगर केंजरा से 1990 में परीक्षा पास की उसके उपरांत आई0टी0आई0 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आगरा बल्केश्वर से 1995 में पास की
परीक्षा पास करने के बाद सी0जी0 क्रॉन्पटन बड़ोदरा स्थापित कंपनी ग्राम कुशल तहसील पातरा में एक वर्ष सेवा प्रदान की एवं 1996 मैं कार्य किया क्वालिटी सुपरवाइजर के रूप में, हाइडिल में अप्रेंटिस की पिनाहट एक वर्ष की सेवा प्रदान की एवं विद्युत विभाग में एस0एस0ओ0 के रूप में वर्तमान में सेवा प्रदान कर रहे हैं
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से दिनांक 17 अप्रैल 1998 को इनका विवाह श्रीमती सरस्वती देवी धर्मपत्नी रमेशचंद शर्मा (भिडोलिया गोत्र) निवासी ग्राम टेहू जिला आगरा की सुपुत्री रेखा शर्मा (भिडोलिया गोत्र) के साथ संपन्न हुआ
- पुत्र नमन (ऋषभ) तिवारी व संकल्प तिवारी,
नवीन तिवारी, (तिवारी वंशज) द्वारा इस पुस्तक को पूर्ण करने मैं जानकारी प्राप्त कराई गई एवं पुस्तक को पूर्ण करने में विशेष सहयोग प्रदान किया गया इनके अथक प्रयासों से इस पुस्तक में दी गई जानकारियों को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है इनका स्वर्गवास 45 वर्ष की उम्र में दिनांक 15 जुलाई 2019 को ग्राम में हो गया
- https://www.geni.com/people/naveen-Tiwari/6000000129533816970
(नमन (ऋषभ) तिवारी पुत्र नवीन तिवारी)
नमन (ऋषभ) तिवारी (जन्म 22 अक्टूबर 1999) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम नवीन तिवारी व माता का नाम श्रीमती रेखा तिवारी भाई का नाम संकल्प तिवारी है नमन नाम का अर्थ "निर्माता " होता है।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा हाई स्कूल रामानंद गर्ग इंटर कॉलेज जिला फिरोजाबाद से वर्ष 2015 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की इंटरमीडिएट की परीक्षा वर्ष 2017 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की एफ एस कॉलेज ऑफ एजुकेशन उसैनी उसाइनी फिरोजाबाद से बी0एस0सी0 की पढ़ाई 2021 में पूर्ण की
इनकी प्रारंभिक शिक्षा हाई स्कूल रामानंद गर्ग इंटर कॉलेज जिला फिरोजाबाद से वर्ष 2015 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की इंटरमीडिएट की परीक्षा वर्ष 2017 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की एफ एस कॉलेज ऑफ एजुकेशन उसैनी उसाइनी फिरोजाबाद से बी0एस0सी0 की पढ़ाई 2021 में पूर्ण की
पढ़ाई में य तेज थे इनके माता-पिता चाहते थे कि यह पढ़़ लिख सरकारी नौकरी पर लग जाए माता पिता के सपने को पूरा करने के लिए यह सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगे दिनांक 15 जुलाई 2019 को पिता की मृत्यु हो गई मृत्यु के समय पहले की उम्र 20 वर्ष की थी
20 वर्ष की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने मृत्यु के बाद यह बहुत दुखी हो गए बड़े पुत्र होने के नाते इनके कंधों पर परिवार के पालन पोषण का भोजा भुज गया और यह नौकरी तलाश करने लगे कुछ समय बाद इनको नौकरी मिल गई अक्टूबर 2019 से 31 जुलाई 2020 तक एसआरडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन उसाइनी फिरोजाबाद मैं कार्य किया इसके उपरांत होटल कमला पैलेस स्थित 100 फुटा रोड निकट पाठक हॉस्पिटल बसई चौकी आगरा में प्रबंधक के रूप में कार्य करने लगे
(संकल्प तिवारी पुत्र नवीन तिवारी)
संकल्प तिवारी (जन्म 26 अक्टूबर 2000) का जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अंतर्गत हिरनगांव नामक ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम नवीन तिवारी व माता का नाम श्रीमती रेखा तिवारी भाई है का नाम नमन (ऋषभ) तिवारी संकल्प नाम का अर्थ "दृढ़ संकल्प, हल, विचार, दृढ़ विश्वास" होता है।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा हाई स्कूल रामानंद गर्ग इंटर कॉलेज जिला फिरोजाबाद से वर्ष 2018 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की इसके बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा वर्ष 2020 मैं उत्तीर्ण की
( प्रेमलता तिवारी धर्मपत्नी प्रवीण तिवारी)
प्रवीण कुमार तिवारी (जन्म 4 जुलाई 1976) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम केदारनाथ तिवारी व माता का नाम श्रीमती निर्मला देवी था भाई का नाम नवीन तिवारी है
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह बड़े हर्षोल्लास से गनेशी देवी धर्मपत्नी की सुपुत्री प्रेमलता निवासी ग्राम- हसन जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न हुआ
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से इनका विवाह बड़े हर्षोल्लास से गनेशी देवी धर्मपत्नी की सुपुत्री प्रेमलता निवासी ग्राम- हसन जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश के साथ संपन्न हुआ
- पुत्रियाँ त्रिशा तिवारी व दिशा तिवारी एवं
- हार्दिक तिवारी (26 सितंबर) के रूप में।
पंडित रामलाल तिवारी(जन्म 1800 सदी)का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित तेजसिंह तिवारी था भाइयों का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी, उमरावसिंह तिवारी, देवीराम तिवारी था
- पुत्र का नाम कंचनलाल तिवारी, व रघुवीर तिवारी था
कंचनलाल तिवारी (23 जनवरी 1905)- का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा औऱ अवध(वर्तमान-उत्तर प्रदेश) मैं एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था, पिता का नाम रामलाल तिवारी था भाई का नाम रघुवीर तिवारी था, इनकी धर्मपत्नी का नाम indo था
- कंचनलाल तिवारी के पुत्र दत्त कुमार तिवारी जन्म हुआ
- एक पुत्री थी
- इनके पुत्रों का नाम राधेश्याम तिवारी, लक्ष्मण प्रसाद तिवारी, मुन्ना तिवारी, किशन तिवारी, जगलाल तिवारी था
- लक्ष्मण प्रसाद तिवारी की धर्मपत्नी का नाम विमला तिवारी था
- रघुवीर तिवारी ग्राम छोड़कर (ग्राम नगला सेवा (दाऊजी) थाना बलदेव जिला मथुरा) चले गए और परिवार सहित वहीं रहने लगे
देवीराम तिवारी(जन्म 1800 सदी) का जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित तेजसिंह तिवारी था भाइयों का नाम पंडित खुशालीराम तिवारी, उमरावसिंह तिवारी, रामलाल तिवारी, था
यह शादीशुदा थे परंतु इनके कोई संतान जन्म नहीं हुई यह अपने बड़े भाई रामलाल तिवारी के साथ राजा का ताल के जमीदार को मारकर कोलकाता चले गए और दोबारा अपने गांव मैं वापस नहीं लौटे कोलकाता में ही इनकी मृत्यु हो गई
( परिवार वृक्ष शाखा - 3 )
(पंडित हरिदेव तिवारी पुत्र जवाहरलाल तिवारी ) |
पंडित हरिदेव तिवारी (जन्म 1800 सदी) जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम जवाहरलाल तिवारी था हरदेव तिवारी चार भाई थे भाई का नाम ईश्वरी तिवारी, तेजसिंह तिवारी, रूद्र तिवारी था एवं दो बहने थी बहन का नाम गंगो तिवारी दूसरी बहन का नाम (अज्ञात) है हरदेव नाम का अर्थ उच्चतम भगवान होता है।
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से समय के साथ इनका विवाह हो गया
- पुत्रों का नाम जुगल किशोर तिवारी, बिहारीलाल तिवारी, लालाराम तिवारी था
- सुपुत्री का नाम गुनका तिवारी था
- गुनका तिवारी(जन्म 1800 सदी)-- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से अपनी सुपुत्री का विवाह ग्राम- सुआराम के बास मैं कर दिया
( परिवार वृक्ष शाखा - क )
जुगल किशोर तिवारी (जन्म 1800 सदी) जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित हरिदेव तिवारी था भाई का नाम बिहारीलाल तिवारी, लालाराम तिवारी था बहन का नाम गुनका तिवारी था
परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से समय के साथ इनका विवाह भागवती के साथ संपन्न हो गया
- पुत्रों का नाम पन्नालाल तिवारी, सरदार तिवारी, सियाराम तिवारी था
- सुपुत्री का नाम शरबती तिवारी एवं दूसरी पुत्री का नाम (अज्ञात) है
- शरबती तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों केआशीर्वाद से इनका विवाह ग्राम- नेपई जनपद फिरोजाबाद में हो गया
इनकी पत्नी की मृत्यु वर्ष 1934 में हो गई पत्नी की मृत्यु होने से यह बहुत दुखी हो गए
पन्नालाल तिवारी (जन्म 1800 सदी)-जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित जुगल किशोर तिवारी था
सरदार तिवारी(जन्म 1800 सदी)- जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित जुगल किशोर तिवारी था
- पुत्रों का नाम रामशरण, रामबाबू था
सियाराम तिवारी(जन्म 1800 सदी)- जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित जुगल किशोर तिवारी था
( परिवार वृक्ष शाखा - ख )
बिहारीलाल तिवारी(जन्म 1800 सदी)-- जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित हरदेव तिवारी था
- पुत्रों का नाम सिद्धार्थ तिवारी व सिकत्तर तिवारी था
सिद्धार्थ तिवारी(जन्म 1800 सदी)--जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित बिहारी लाल तिवारी था
- पुत्रों का नाम राम प्रसाद तिवारी व ओम तिवारी था
राम प्रसाद तिवारी (जन्म 1800 सदी)- जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित सिद्धार्थ तिवारी था भाई का नाम ओम तिवारी था
ओम तिवारी जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित सिद्धार्थ तिवारी था भाई का नाम राम प्रसाद तिवारी था
सिकत्तर तिवारी-(जन्म 1800 सदी)-जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित बिहारी लाल तिवारी था भाई का नाम था
- पुत्रों का नाम रामप्रकाश तिवारी, गप्पू तिवारी एवं
- पुत्री का नाम लक्ष्मीदेवी तिवारी, वल्लमदेवी तिवारी था
- वल्लमदेवी तिवारी- परमपिता परमेश्वर की असीम अनुकंपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से पुत्री की शादी आगरा में कर दी
(रामप्रकाश तिवारी पुत्र सिकत्तर तिवारी) |
रामप्रकाश तिवारी(जन्म 1800 सदी)- जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित सिकत्तर तिवारी था भाई का नाम गप्पू तिवारी था
गप्पू तिवारी जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित सिकत्तर तिवारी था भाई का नाम रामप्रकाश तिवारी था
( परिवार वृक्ष शाखा - ग )
लालाराम तिवारी -जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित हरिदेव तिवारी था भाई का नाम बिहारीलाल तिवारी, जुगल किशोर तिवारी था बहन का नाम गुनका तिवारी था
( परिवार वृक्ष शाखा - 4 )
(पंडित रूद्र तिवारी पुत्र जवाहरलाल तिवारी ) |
पंडित रूद्र तिवारी (जन्म 1800 सदी) जन्म ग्राम- हिरनगऊ तहसील फिरोजाबाद जनपद आगरा (वर्तमान राजस्व ग्राम- हिरनगाँव जनपद फिरोजाबाद) उत्तर-पश्चिमी प्रान्त (वर्तमान -उत्तर प्रदेश ) में, ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम जवाहरलाल तिवारी था यह चार भाई थे बड़े भाई का नाम ईश्वरी तिवारी, तेजसिंह तिवारी, हरिदेव तिवारी था एवं दो बहने थी बहन का नाम गंगो तिवारी दूसरी बहन का नाम (अज्ञात) है
मौत की खूबसूरती-
जिंदा थे तो किसी ने पास भी बिठाया नहीं
अब खुद मेरे चारों और बेठे जा रहे हैं,
पहले कभी किसी ने मेरा हाल भी न पूछा
अब सभी आंसू बहाए जा रहे हैं,
एक रुमाल भी भेेंट न किया जब हम जिंदा थे
अब शॉल और कपड़े ऊपर से ओढाए जा रहे हैं,
सबको पता है अब इसके काम के नहीं
मगर फिर भी बेचारे दुनियादारी निभाए जा रहे हैं,
कभी किसी ने एक वक्त का खाना नहीं खिलाया
अब देसी घी मेरे मुंह में डाले जा रहे हैं,
जिंदगी में एक कदम भी साथ न चल सका कोई
अब फूलों से सजा कर कंधे पर उठाए जा रहे हैं,
आज पता चला कि मौत जिंदगी से कितनी बेहतर है
हम तो बेवजह ही जिंदगी की चाहत किए जा रहे हैं I
मूल शोध अभिलेख
- मूल शोध-----
- नागरी प्रचारिणी सभा (बनारस उत्तर प्रदेश) द्वारा लिखित पुस्तक खोज में उपलब्ध "हिंदी ग्रंथों का कोधबम पेज संख्या 605 - ( ग्राम शोध )
- लेखक क्षेमचंद सुमन द्वारा हस्त्तलिखित पुस्तक " दिवंगत हिंदी सेवी- भाग 2-( ग्राम शोध )
- जिला गैजेटियर्स 1905- ( ग्राम शोध )
- प्राथमिक पाठशाला हिरनगांव नाम पंजिका रजिस्टर (सन 1900) के अभिलेख - (जन्म शोध )
- कुलदेवी माता (बेलोन मंदिर) पंडा के अभिलेख - ( वंशावली शोध )
- सोरो के पंडा के अभिलेख - ( मृत्यु दिनांक शोध )
- नगर निगम अलीगढ़ से प्राप्त अभिलेख - (जीवनी शोध )
- दैनिक अवंतिका समाचार पत्र द्वारा दिनांक 30 सितंबर 2022 इंदौर से प्रकाशित ने क्रांतिकारी पंडित तेजसिंह तिवारी निवासी- जनपद फिरोजाबाद के बारे में अपने अखबार के पेज संख्या- 05 में लेख प्रकाशित किया
- नोट -
( https://prashanttiwari123.blogspot.com )
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